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पिछले दशक के दौरान भारत-रूस व्यापार और आर्थिक सम्बंधों से दोनों देशों को उद्योगों, कृषि और लोक सेवाओं के क्षेत्रों में सहयोग मिला। भारत में रूस के सहयोग से कई बड़े प्रकल्प और औद्योगिक इकाइयां शुरू हुईं। अत्याधुनिक वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों, जैसे शांतिपूर्ण कार्यों में परमाणु उर्जा का उपयोग करना, बाह्र अंतरिक्ष में शोध आदि में रूसी वैज्ञानिक केन्द्रों का सहयोग मिला है। भारत-रूस के बीच सन् 2000 में कुल व्यापारिक लेन-देन 2 अरब अमरीकी डालर का होने की उम्मीद है। दिसम्बर, 1998 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित हुए एक संयुक्त घोषणापत्र में व्यापार, आर्थिक, औद्योगिक, वित्तीय, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में सन् 2010 तक सहयोग की बात की गई थी।
भारत-रूस सहयोग की कुछ अन्य योजनाएं जो शीघ्र आरम्भ होने जा रही हैं, इस प्रकार हैं-
-नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में दुतरफा सहयोग के लिए एक कार्यदल ने काम शुरू कर दिया है। भारत में रूस के आधुनिकतम विमान और हैलिकाप्टरों (क्ष्क्ष्- 96,टी.यू. 204, ए.एन.-38. एम.आई.-8,एम.आई.17, एम.आई.26 आदि) को संयुक्त रूप से आधुनिक बनाने सम्बंधी करार हुए हैं। -इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपकरणों के आदान-प्रदान की योजनाएं चल रही हैं। अत्याधुनिक संगणक शोघ के लिए मास्को में रूसी-भारतीय केन्द्र खुला है जिसमें भारत का परम-1000 सुपर कम्प्यूटर (महासंगणक) भी लगाया गया है।
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