दिंनाक: 08 Jun 2000 00:00:00 |
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सेवा दूत बन पहुंचे स्वयंसेवकराष्ट्र पर जब भी किसी प्रकार की विपदा आयी है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्रभाव दिखाते हुए सेवा कार्य किया है। उड़ीसा का प्रलयंकारी चक्रवात हो या पटना की हवाई दुर्घटना, हर जगह स्वयंसेवक अपना धर्म समझकर सेवा कार्य में जुटे हैं। 16 जुलाई को पटना में हुई हवाई दुर्घटना में राहत कार्यों में जुटे स्वयंसेवकों की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए रा.स्व. संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि जब भी कोई विपत्ति आती है, संघ के स्वयंसेवक दर्शक के रूप में खड़े नहीं होते, बल्कि वहां पहुंचकर बिना किसी आदेश के सेवा कार्य में लग जाते हैं। वे गत 19 जुलाई को पटना में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।सेवा कार्य में लगे स्वयंसेवकों ने बैठक में राहत कार्य का अनुभव सुनाते हुए कहा कि घटनास्थल पर उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को संघ के स्वयंसेवकों पर इतना वि·श्वास था कि वे लोग किसी भी प्रकार के सामान की खोज में संघ के स्वयंसेवकों (जो गणवेश में थे) का ही सहयोग ले रहे थे। मलबा हटाना हो या भीड़ पर नियंत्रण पाना हो सभी कार्यों में पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों का सहयोग लिया।इस भीषण विमान दुर्घटना में चालक दल के 6 सदस्यों तथा विमान में यात्रा कर रहे 45 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी तथा जिस आवास पर यह विमान गिरा उस आवास में रहने वाले 6 व्यक्ति असमय ही काल के गाल में समा गए। दुर्घटना की खबर मिलते ही संघ के 150 से ज्यादा स्वयंसेवक घटना स्थल पर पहुंचे और सेवा कार्य में जुट गए। इन स्वयंसेवकों का नेतृत्व पटना महानगर प्रचारक श्री नरेन तथा बाल्मीकी नगर कार्यवाह श्री संजीव कर रहे थे। बैठक में क्षेत्रीय संघचालक श्री बबुआ ने सेवा कार्य में लगे स्वयंसेवकों को आशीष देते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवक रामभक्त हनुमान की भांति बिना किसी यश का स्मरण किए हुए अपने कार्य को अंजाम देते हैं। इस अवसर पर दुर्घटना में मृत व्यक्तियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।– प्रतिनिधि21
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