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-राबर्ट कुमार स्वामी, रेलवे कर्मचारीमैं चालीस साल से यहां रह रहा हूं। ये बिशप व फादर लोग हमारे सामने यहां पर आकर बसे हैं। इन्होंने आज तक ईसाई विद्यालयों में हमारे बच्चों को शिक्षा नहीं दी। हमारे बच्चों के लिए कोई छात्रावास भी नहीं है। कहने को तो ये कई छात
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