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यह जिहाद
–उधमपुर से मोहनलाल
गत 3 सितम्बर को उधरपुर में गूल संगलदान क्षेत्र के गांव तत्तापानी में 5 लोग मारे गए, इनमें चार मुसलमान थे और एक हिन्दू था। दलवा गांव के निवासी जमीत सिंह की तत्ता गांव में परचून की दुकान थी। 3 सितम्बर की सुबह लगभग 8 बजे जब वह अपनी दुकान पर आया तो देखा कि दुकान के ताले टूटे हुए हैं। उसे लगा कि शायद चोरी हो गयी है। जल्दी-जल्दी दुकान खोली। इस बीच उनकी दुकान से सामान लेने के लिए 4 मुस्लिम ग्राहक भी आ गए थे। वे भी जमीत सिंह के साथ दुकान के भीतर चले गए। अंदर जाकर जमीत सिंह को जब यह लगा कि कोई सामान चोरी नहीं हुआ है तो तिजोरी (गल्ला) खोली। तिजोरी खोलते ही भीषण विस्फोट हुआ और जमीत सिंह सहित चारों मुस्लिम ग्राहक हवा में उछल गए। पांचों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। इसके अतिरिक्त दुकान के निकट खड़े पांच अन्य व्यक्ति भी घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जमीत सिंह को विस्फोट से उड़ाने की यह आतंकवादियों की सोची समझी चाल थी। आतंकवादियों ने दुकान का ताला तोड़कर यह दर्शाने की कोशिश की थी कि दुकानदार को लगे कि दुकान में चोरी हो गयी है। और वह सबसे पहले दुकान की तिजौरी देखे। दुकान की तिजोरी में आतंकवादियों ने स्वचालित विस्फोटक (आई.ई.डी.) लगा रखे थे। इस विस्फोट में जमीत सिंह के साथ दाड़म गांव के मंजूर अहमद, मो शफी, फारुख अहमद तथा संगलदान के अब्दुल रशीद की भी मौत हो गयी।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पिछले 15 वर्षों में यह पहला अवसर है जब आतंकवादियों ने इस प्रकार दुकान के भीतर तिजोरी में विस्फोट लगाया हो। इसी प्रकार गत दिनों उधमपुर में ही सीमा सुरक्षा बल के एक शिविर में एक गधे पर विस्फोटक बांधकर रिमोट से विस्फोट किया था। इसमें सुरक्षा बल के दो जवान शहीद हुए थे।
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