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दुख बांटा, दर्द बांटा, राखी के दिन
जब कोई व्यक्ति बीमार होता है और वह चाहे अपने घर या अस्पताल में हो, इस अवस्था में यदि कोई उसका हालचाल पूछने उसके पास जाता है, तो वह कुछ क्षण के लिए अपना सारा दु:ख-दर्द भूल जाता है। यह अवसर जब किसी पर्व- त्योहार में आता हो तो उसका आनन्द ही कुछ और ही होता है। कुछ ऐसे ही आनन्द का अनुभव दमोह (म.प्र.) के जिला चिकित्सालय में रक्षाबंधन के दिन उस समय हुआ, जब दुर्गावाहिनी की बहनों ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना को लेकर रोगी भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र बांधे। इससे जहां कई अस्वस्थ भाइयों के नेत्र स्नेहभाव से भीग गए। इस मार्मिक क्षण के दौरान बहनों ने भाइयों को फल भी वितरित किए।
जिला चिकित्सालय में लम्बे समय तक चले इस कार्यक्रम में बहनों ने रोगी भाइयों पर अपने सगे-सम्बंधियों से भी ज्यादा स्नेह लुटाकर रक्षा सूत्र बांधीं। इस कार्यक्रम में वि·श्व हिन्दू परिषद् की जिला महिला प्रमुख श्रीमती लीला सोनी, जिला संयोजिका कु. इन्दु पौराणिक, सीमा ताम्रकार, सुनीता कटारे, निधि चौबे, ज्योति कटारे, रीना साहू, अनिता कटारे, विनीता कटारे, लता ठाकुर, सपना ताम्रकार, प्रतिभा शर्मा, श्यामा रैकवार, प्रीति कोरी, नीलू कोरी आदि सम्मिलित थीं!
— रामाराव नायडू
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