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कार्यकर्ताओं के पलायन से बौखला गई है माकपा

by
Dec 12, 1999, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 12 Dec 1999 00:00:00

-ओ. राजगोपाल

केन्द्रीय विधि, न्याय व कम्पनी मामले एवं संसदीय कार्यों के राज्यमंत्री

इस समय केरल ही एक ऐसा प्रदेश है जहां माकपाई सबसे मजबूत हैं। विशेषकर कण्णूर जिले में, जहां से मुख्यमंत्री नयनार विधायक हैं, सबसे अधिक हिंसा की घटनाएं होती हैं। माक्र्सवादी आन्दोलन की शुरुआत भी कण्णूर जिले से ही हुई थी। वहां पंचायत से लेकर संसदीय प्रतिनिधि तक, सभी माकपा के ही हैं। लेकिन माकपाइयों की जनविरोधी नीतियों के कारण अब अनेक लोग उनसे दूर हो रहे हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से जुड़ रहे हैं। यही माकपाइयों की बौखलाहट का प्रमुख कारण है। वैचारिक स्तर पर हार चुके माकपाई अपने कार्यकर्ताओं के पलायन को रोक पाने में असमर्थ हैं, इसलिए वे हिंसा का सहारा ले रहे हैं। हाल की ताजा घटना में भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष जयकृष्णन की हत्या की गई, जिसका राज्य भर में तीव्र विरोध हुआ है। चूंकि संविधान के अनुसार राज्य प्रशासन का मामला प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए केन्द्र में भाजपा नेतृत्व की सरकार होते हुए भी हम प्रत्यक्ष रूप से कोई हस्तक्षेप नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन भाजपा अपने स्तर पर पूरी कार्रवाई कर रही है। चार सदस्यों का भाजपा संसदीय दल श्री मेजर भुवन चन्द्र खण्डूरी के नेतृत्व में जांच के लिए भेजा गया है, जो मामले की पूरी जांच करके केन्द्र को अपनी रपट देगा। जहां तक केरल प्रदेश भाजपा का सम्बंध है तो वह अपने स्तर पर राज्यव्यापी विरोध कर रही है। आगे योजना यह भी है कि प्रत्येक ग्राम और तहसील स्तर पर माकपा सरकार का विरोध किया जाएगा। आगामी दस दिसम्बर को भाजपा केन्द्रीय महासचिव श्री वेंकैया नायडू तिरुअनन्तपुरम जा रहे है, जहां माकपा सरकार के विरुद्ध एक रैली की जाएगी। भाजपा ने सभी विपक्षी दलों से सम्पर्क किया है, वे भी इस मामले में भाजपा का साथ दे रहे हैं। विपक्षी दलों के दमन के लिए जिस तरह माकपा सरकार काम कर रही है, उसकी सभी दलों ने आलोचना की है। माकपा सरकार पुलिस की मदद से राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने का काम करती है, यह बात अब किसी से छिपी नहीं है। उल्लेखनीय है कि राज्य का गृहमंत्रालय मुख्यमंत्री नयनार के अधीन है। माकपाई कार्यकर्ताओं और पुलिस की मिलीभगत से भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किए जाने के बारे में अनेक बार मुख्यमंत्री से कहा गया था, लेकिन उन्होंने हिंसा रोकने की कोई कार्रवाई नहीं की। मैंने स्वयं और राज्य भाजपा प्रमुख श्री पद्मनाभन ने केन्द्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करके मामले की पूरी जानकारी दी है। गृहमंत्री ने अधिकारिक रूप से राज्य सरकार से घटना की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। केरल के कुछ उप पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पक्ष में काम करते हैं। (बातचीत पर आधारित )

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