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पहले मन्दिर तोड़ा, फिर बनवाने को राजी हुई राज्य सरकार19नवम्बर की रात को जम्मू शहर के छन्नी हिम्मत क्षेत्र की हाउसिंग कालोनी में एक निर्माणाधीन शिव मन्दिर में रामायण का अखण्ड पाठ चल रहा था। तभी अचानक मन्दिर में अन्धेरा छा गया। जैसे ही कुछ लोग प्रकाश की व्यवस्था करने के लिए उठे, तभी मन्दिर पर पुलिस का हमला हो गया और देखते ही देखते मन्दिर को ध्वस्त कर दिया गया। जब वहां के हिन्दू नागरिकों ने मन्दिर तोड़ने का विरोध किया तो पुलिस ने 40 महिलाओं सहित लगभग 100 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया। हाउसिंग कालोनी के हिन्दू इस घटना के लिए राज्य के शहरी आवास मंत्री श्री इफ्तार अंसारी का नाम ले रहे हैं। लगभग 15 वर्ष पूर्व छन्नी हिम्मत के इस क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड द्वारा एक कालोनी बसाई गई थी, जिसमें लगभग 10 हजार परिवारों के रहने के लिए भूमि उपलब्ध है। अभी चार हजार परिवार यहां मकान बनाकर रह रहे हैं, जिनमें 95 प्रतिशत हिन्दू हैं।उल्लेखनीय है कि इस कालोनी के उत्तर दिशा वाले क्षेत्र में कश्मीर, डोडा और पुंछ से आए हजारों मुस्लिम परिवार रह रहे हैं, जिनमें से कई परिवार अवैध रूप से कब्जाई जमीन पर ही हैं। इसके आस-पास सन्जवा तक लगभग ग्यारह मस्जिदें अवैध रूप से बन चुकी हैं। इसी क्षेत्र के एक गांव बठिण्डी में राज्य के मुख्यमंत्री डा. फारुख अब्दुल्ला ने 15 कैनाल भूमि पर अपने एक भव्य भवन का निर्माण किया है।उक्त घटना के दिन प्रात:काल से किसी अनिष्ट की आशंका थी। विहिप ने तत्काल वहां एक सभा आयोजित की, जिसमें राज्य सरकार को इस घृणित कार्य को करने के विरोध में चेतावनी देते हुए कहा था कि “यहां पर मन्दिर ही बनेगा। अगर सरकार में दम है तो राज्य की उन तमाम मस्जिदों को गिराकर दिखाए जो अवैध रूप से बनाई गई हैं, मन्दिर तोड़े जाने के बाद हिन्दू नेताओं के साथ सरकार की बातचीत हुई। अन्त में सरकार को हिन्दुओं की भावनाओं और प्रचण्ड जनशक्ति के सामने झुकना पड़ा और वहां से पुलिस हटा ली गई। वहां के हिन्दू नागरिकों ने पुन: मन्दिर में शिवलिंग की स्थापना की और रामायण पाठ व कीर्तन आरम्भ किया। द प्रतिनिधि24
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