भारत चंद्रयान पर गर्व के स्थान पर व्यवस्थागत विफलता का उपहास? क्यों कलात्मक स्वतंत्रता के नाम पर उपलब्धि का बार-बार उपहास?
भारत आखिर क्यों पठान फरहाना का यह अधिकार नहीं कि वह फकीर से शादी कर ले? महजबीं और फरहाना की हर पीड़ा विमर्श से गायब?