गत 16 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रांत के पिछले 15 दिन से चल रहे संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) का समापन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख श्री अनिल ओक मुख्य वक्ता तथा भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल (सेनि) श्री राजेश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। श्री अनिल ओक ने अपने संबोधन में समाज एवं स्वयंसेवकों से अपने जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन के अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य पालन एवं स्वदेशी को अपनाएं। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रांत के संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल एवं वर्ग के सर्वाधिकारी डॉ. महेश व्यास की भी उपस्थिति रही।
इस वर्ष दिल्ली प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (सामान्य) आर. ए. गीता विद्यालय, शंकर नगर, शाहदरा में 1-16 जून तक आयोजित हुआ। इस वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के कुल 225 शिक्षार्थी थे। इनमें से 93 स्कूल विद्यार्थी, 89 स्नातक से लेकर बी. टेक, एम. टेक एवं पीएचडी तक के विद्यार्थी तथा 43 कर्मचारी, प्राध्यापक, अध्यापक, सरकारी कर्मचारी एवं व्यवसायी शामिल रहे।
वर्गों के प्रारुप में परिवर्तन
संघ शिक्षा वर्ग की शुरुआत 1927 में हुई। कुछ वर्ष बाद इनका नाम ‘अधिकारी शिक्षा वर्ग’ हो गया। 1950 से इन वर्गों को ‘संघ शिक्षा वर्ग’ के नाम से जाना जाने लगा। 2024 से वर्गों के प्रारूप में परिवर्तन किया गया। अब प्रारंभिक वर्ग-3 दिन, प्राथमिक शिक्षा वर्ग-7 दिन, संघ शिक्षा वर्ग-15 दिन, कार्यकर्ता विकास वर्ग-1(पूर्व में संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय)- 20 दिन, कार्यकर्ता विकास वर्ग-2 (पूर्व में संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष)-25 दिन का है। संघ शिक्षा वर्ग के दो प्रकार हैं– 18 से 40 वर्ष आयु का सामान्य वर्ग और 41 वर्ष की आयु से ऊपर के लिए विशेष वर्ग।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र के 5 वर्गों का समापन
इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार-झारखंड) में 5 प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए गए। दो वर्ग उत्तर बिहार में, दो वर्ग दक्षिण बिहार और एक वर्ग झारखंड प्रांत में लगाया गया। इन वर्गों में कुल 817 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। संघ शिक्षा वर्ग में 631 तथा कार्यकर्ता प्रशिक्षण वर्ग (प्रथम, सामान्य एवं विशेष) में 186 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण लिया।
इसके अलावा तीनों प्रांतों में घोष वर्ग भी आयोजित किया गया, जिनकी कुल संख्या 144 थी। उत्तर बिहार का संघ शिक्षा वर्ग बेतिया में, दक्षिण बिहार का बाढ़ में और झारखंड का हजारीबाग में लगा था। यहीं प्रांतों के घोष वर्ग भी लगे।
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