भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को निशाना बनाना केवल पहलगाम हमले की जवाबी कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह आतंकवाद के प्रति भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का ऐलान था। पूरा विश्व आज भारत की तरफ देख रहा है। इस ऐतिहासिक कार्रवाई को लेकर पाञ्चजन्य के समाचार संपादक आदित्य भारद्वाज ने वायु सेना के एयर चीफ मार्शल (सेनि.) राकेश कुमार सिंह भदौरिया से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:
ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहली बार तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान के विरुद्ध समन्वित और सटीक कार्रवाई की। आप इसे कैसे देखते हैं?
यह एक अभूतपूर्व अभियान था। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट और निर्णायक दिशा दी। उन्होंने कहा भी कि आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों को ऐसा दंड मिलेगा जो कल्पना से परे होगा, जो उन्होंने सोचा भी न होगा। इसी आधार पर तीनों सेनाओं को पूर्ण स्वतंत्रता दी गई जिसके तहत रणनीति तैयार की गई। यह केवल सेना की योजना नहीं थी बल्कि खुफिया एजेंसियों, अंतरिक्ष निगरानी, साइबर यूनिट के साथ तकनीकी विश्लेषण कर लक्ष्यों का चयन किया गया। सेना को परिणाम देने का स्पष्ट आदेश मिला था। यही कारण है कि हम अत्यधिक सीमित समय में, बिल्कुल सटीक लक्ष्यों पर प्रहार करने में सफल रहे। हमने न तो पाकिस्तान की सेना पर लक्ष्य साधा, न ही उसके आम नागरिकों पर। हमने केवल आतंकवाद के ठिकानों पर ही वार किए। बहावलपुर और मुरीदके जैसे स्थानों पर लक्ष्य निर्धारित कर कार्रवाई की। ये वही स्थान हैं, जो आतंकियों के गढ़ बने हुए हैं। यह हमारी राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते हो पाया।
भारतीय सेनाएं अत्याधुनिक तकनीक व स्वदेशी हथियारों से सुसज्जित हैं। इससे हमारी सैन्य क्षमता कितनी बढ़ी है?
पिछले एक दशक में हमारी सेनाएं बहुत तेज़ी से अत्याधुनिक हुई हैं। सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट रही है कि सेनाओं को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सक्षम होना चाहिए। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजनाओं ने हमारी रक्षा उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाई दी है। वायु सेना की बात करें तो राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों का समावेश, एलसीए तेजस की तैनाती, लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें और उच्चस्तरीय ‘एयर डिफेंस सिस्टम’ ने हमारी ताकत को कई गुना बढ़ा दिया है। इस ऑपरेशन में हमने ड्रोनों को जैमर और एंटी-ड्रोन गन से निष्क्रिय किया, एयर मिसाइल्स से पाकिस्तानी ड्रोन और रॉकेट्स को हवा में ही मार गिराया। एस-400, आकाश और स्वदेशी मिसाइल सिस्टम का बेहद प्रभावी उपयोग हुआ। हमारे ‘इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम’ ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पाकिस्तानी विमान हमारी सीमा के पास तक न आ सके।
हार के बाद भी पाकिस्तान बार-बार झूठ बोलकर खुद को विजेता बता रहा है। इस पर आप क्या कहेंगे?
पाकिस्तान की झूठ बोलने की आदत पुरानी है। वह अपनी अवाम को मूर्ख बनाकर, सेना की विफलताओं को छिपाने का प्रयास कर रहा है। वह पहले भी ऐसा ही करता आया है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के एयरबेस को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, लेकिन कोई प्रमाण नहीं दिखा पाए। न कोई सेटेलाइट चित्र, न कोई वीडियो। वहीं हमने न केवल सटीक हमले किए बल्कि उसके प्रमाण भी प्रस्तुत किए। सेटेलाइट चित्र, आतंकियों के जनाजे के चित्र जिनमें पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भी शामिल थे। आतंकी ठिकानों की बर्बादी का दृश्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी देखा। सीएनएन, बीबीसी, अल जजीरा जैसे मीडिया संस्थानों ने वहां के बारे में जानकारी दी है।
पाकिस्तान हर बार परमाणु हमले की धमकी देता है। बावजूद इसके पिछले एक दशक में हमने अनेक बार उसे घर में घुसकर सबक सिखाया है। इस बदले हुए भारत को आप कैसे देखते हैं।
डरते तो हम पाकिस्तान से कभी नहीं थे। न कल डरे, न आज। हम हर तरह से सक्षम हैं। हम किसी परमाणु ब्लैकमेलिंग से नहीं डरते। प्रधानमंत्री जी ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई भी आतंकी हमला ‘युद्ध’ ही माना जाएगा। आतंकियों और उनके संरक्षकों के बीच कोई भेद नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि जो भी आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होगा, वह हमारा लक्ष्य होगा। यह भारत की विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और वैचारिक दृढ़ता का परिचायक है।
1965 और 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हराया। तब से अब तक वायु सेना में क्या बदला है?
तब हमारे पास नेट जैसे स्वदेशी विमान थे, उसके बाद धीरे-धीरे हमने तकनीक में प्रगति की। 1971 में भी हमने पाकिस्तान को हराया। आज हम आत्मनिर्भरता के शिखर पर हैं। हमारे पास ब्रह्मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइल है, राफेल जैसा अत्याधुनिक फाइटर, तेजस जैसा स्वदेशी विमान और उपग्रह आधारित निगरानी क्षमता है। अब हम केवल अपनी जरूरतें ही नहीं पूरी कर रहे, निर्यात भी कर रहे हैं।
पाकिस्तान की वायु सेना की स्थिति क्या है? हमारी वायु सेना के सामने वह कहां ठहरती है?
हम उनसे बहुत आगे हैं। उनके पास कुछ चीन द्वारा उपलब्ध कराए गए हथियार और तकनीकें है, जो हमारे मुकाबले की नहीं हैं। पीएल-15 जैसी मिसाइलों की क्षमताओं को लेकर दावे कुछ भी किए जाते हों, लेकिन हमारे सामने कुछ नहीं हैं। हमारे पास राफेल युद्धक विमान हैं, जो पाकिस्तानी सेना के पास मौजूद एफ—16 से आगे के स्तर का है। राफेल न केवल सटीक है, बल्कि इसके सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और एयर टू ग्राउंड यानी हवा से जमीन पर मिसाइल दागने की क्षमता बेहद शानदार है।
पाकिस्तान बार-बार मुंह की खाने के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता। आप इसका क्या कारण मानते हैं। वहां की हुकूमत या वहां की सेना?
पाकिस्तान में सेना ही असली सरकार है। वहां की चुनी हुई सरकार केवल दिखावे के लिए है। नीति निर्धारण, विदेशी संबंध, रक्षा, सब सेना नियंत्रित करती है। वहां हुकूमत नाम की कोई चीज है कहां। जो कुछ है, वह दिखावा है।
क्या आप मानते हैं कि पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान की आतंरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने की साजिश थी ?
बिल्कुल, इसमें कोई संदेह नहीं है। पाकिस्तान इस समय खस्ताहाल है। वह दिवालिया हो चुका है। आईएमएफ से कर्ज लेने और आवाम का ध्यान भटकाने के लिए सुनियोजित तरीके से पाकिस्तान ने यह आतंकी हमला कराया। भारत का डर दिखाकर ही तो सेना वहां पर अपना शासन चला रही है। वहां की अवाम पिछले कुछ दिनों में कई बार सड़क पर उतर चुकी है। उसे अपनी अवाम का ध्यान भटकाना था इसीलिए पाकिस्तान ने ऐसी कायराना हरकत की। पाकिस्तान जानता था कि भारत जवाबी कार्रवाई करेगा, लोगों का ध्यान बंट जाएगा। हालांकि भारत ने इस बार ऐसा जवाब दिया कि उनका हर मंसूबा चकनाचूर हो गया।
हमारी सेनाएं आम नागरिकों को निशाना नहीं बनातीं, जबकि पाकिस्तान नागरिकों को निशाना बनाता रहा है। क्या यह उसकी आसुरी प्रवृत्ति नहीं दर्शाती?
इसमें कोई संदेह नहीं। हमने न केवल आतंकियों को निशाना बनाया, बल्कि पाकिस्तान की सामरिक क्षमताओं पर भी सर्जिकल वार किया। हमारी सेनाओं ने वहां के किसी भी नागरिक को क्षति नहीं पहुंचाई, न किसी गुरुद्वारे, न किसी स्कूल पर हमने बम गिराए। जबकि पाकिस्तान ने ऐसा किया। पाकिस्तानी सेना ने सीमावर्ती इलाकों में हमारे आम नागरिकों के घरों को निशाना बनाया। उन पर गोले दागे। हम संयमित, सटीक और समन्वित ऑपरेशन करते हैं। यही भारत की सैन्य शक्ति और नैतिक श्रेष्ठता की पहचान है। आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि पाकिस्तान की सेनाएं, जो खुद के पेशेवर होने का दावा करती हैं, वे कितनी पेशेवर हैं। हमारे द्वारा अंजाम दिया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल कार्रवाई ही नहीं बल्कि चेतावनी भी है कि भारत अब सहन नहीं करेगा, जवाब देगा, वह भी ऐसा कि दुश्मन दशकों तक याद रखे।
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