नई दिल्ली (हि.स.) । ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा तंत्र सक्रिय हो गया है। मंगलवार देर रात भारत द्वारा चलाए गए निर्णायक सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने एक संगठित और उग्र भ्रामक प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। फेक खबरों को खारिज करते हुए केन्द्र सरकार ने इसे एक हताश प्रयास बताया है।
बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जानकारी दी कि पाकिस्तान की तरफ से फैलाया जा रहा झूठ ध्यान भटकाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। एक ओर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाया गया यह अभियान सटीक और प्रभावी रहा, दूसरी ओर पाकिस्तान समर्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स और यहां तक कि कुछ प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी जानबूझकर झूठी खबरें फैला रही हैं, बनावटी सैन्य जीत और काल्पनिक जवाबी कार्रवाई की कहानियां गढ़ी जा रही हैं, जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।
An old image showing a crashed aircraft is being re-circulated by pro-Pakistan handles in various forms in the current context of #OperationSindoor#PIBFactcheck
✔️The image is from an earlier incident involving an Indian Air Force (IAF) MiG-29 fighter jet that crashed in… pic.twitter.com/6NJQvRH7KJ
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 7, 2025
पीआईबी फैक्ट चेक ने वायरल पुरानी तस्वीरें, जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान की सेना ने बहावलपुर के पास एक भारतीय राफेल विमान को मार गिराया का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। पीआईबी फैक्ट चेक ने पुष्टि की कि यह तस्वीर दरअसल 2021 में पंजाब के मोगा में हुए एक मिग-21 दुर्घटना की है। इसका मौजूदा घटनाओं से कोई लेना-देना नहीं है।
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इसके साथ झूठा दावा एक वीडियो के रूप में सामने आया, जिसमें यह ग़लत तरीके से दावा किया गया कि भारतीय सेना ने चोरा पोस्ट पर सफेद झंडा उठाकर आत्मसमर्पण कर दिया। इस झूठे और मनगढ़ंत नैरेटिव को पाकिस्तान के मंत्री अत्ता उल्ला तारड़ ने न केवल समर्थन दिया बल्कि बिना किसी सबूत के सार्वजनिक रूप से इस दावे की पुष्टि भी की।
Pakistani accounts sharing video of a crash, claiming #Pakistan has shot down another Indian fighter plane.#PIBFactCheck
✔️The video being shared is from February 2025 and depicts the crash of an Indian Air Force (IAF) Mirage 2000 aircraft near Shivpuri, Gwalior, which… pic.twitter.com/IJEcJqlFKg
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 7, 2025
पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि यह स्पष्ट रूप से झूठी और अप्रमाणित कहानी को आधिकारिक समर्थन देकर, तारड़ ने न केवल अपने नागरिकों को गुमराह किया, बल्कि इस प्रोपेगेंडा अभियान को सक्रिय रूप से बढ़ावा भी दिया।
⚠️Propaganda Alert!
Beware of old images shared by pro-Pakistan handles in the present context!
An #old image showing a crashed aircraft is being circulated with the claim that Pakistan recently shot down an Indian Rafale jet near Bahawalpur during the ongoing #OperationSindoor… pic.twitter.com/LdkJ1JYuH0
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 7, 2025
पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि जंग के सबूत के रूप में पेश की गई असंबंधित फुटेज
एक और भ्रामक पोस्ट में एक वीडियो साझा किया गया, जिसमें दावा किया गया कि पाकिस्तान एयरफोर्स ने श्रीनगर एयरबेस को निशाना बनाया। लेकिन सच्चाई यह है कि यह वीडियो 2024 की शुरुआत में खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान में हुए सांप्रदायिक झड़पों का है। इस वीडियो का कश्मीर या किसी हालिया एयरस्ट्राइक से कोई लेना-देना नहीं है। एक अलग अफवाह में यह भी दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारतीय ब्रिगेड मुख्यालय को नष्ट कर दिया, जबकि रक्षा सूत्रों के अनुसार यह दावा पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है।
In a video shared by several pro-Pakistan handles, it is being falsely claimed that the Pakistan Airforce has targeted Srinagar airbase#PIBFactCheck
❌ The video shared is old and NOT from India.
✅The video is from sectarian clashes that took place in the year 2024, in… pic.twitter.com/vPmMq4IWdE
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 7, 2025
पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया कि एक पुरानी तस्वीर सितंबर 2024 में राजस्थान के बाड़मेर में हुए एक मिग-29 दुर्घटना को पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा फिर से फैलाया गया ताकि यह दिखाया जा सके कि हाल ही में भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ है, जबकि ऐसी कोई घटना नहीं हुई।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हालिया सैन्य कार्रवाई के दौरान भारतीय सैनिकों की गिरफ्तारी का बेबुनियाद दावा किया, जिसे बाद में खंडन कर वापस ले लिया गया।
आसिफ ने आरोप लगाया था कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान की कार्रवाई के दौरान कुछ भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिया गया है। हालांकि, इन दावों को तुरंत झूठा बताया गया, क्योंकि ऐसे किसी भी दावे का समर्थन करने वाला कोई प्रमाण मौजूद नहीं था। बाद में रक्षा मंत्री ने अपना बयान वापस ले लिया और स्वीकार किया कि कोई भी भारतीय सैनिक हिरासत में नहीं लिया गया था।
भ्रामक जानकारी का रणनीतिक उपयोग
ये घटनाएं पाकिस्तान द्वारा एक संगठित और सुनियोजित तरीके से मीडिया को गुमराह करने, वैश्विक विमर्श को तोड़-मरोड़कर पेश करने और भारत के सफल ऑपरेशन सिंदूर के बाद जनमानस को भ्रमित करने की कोशिश को दर्शाती हैं।
पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरों, असंबंधित वीडियो और मनगढ़ंत दावों की बाढ़ ला दी, ताकि ऑपरेशन के वास्तविक नतीजों को छिपाया जा सके और एक प्रभावी जवाबी कार्रवाई का भ्रम पैदा किया जा सके। यह रणनीति भारत की कार्रवाई की सफलता से ध्यान भटकाने, घरेलू जनभावनाओं को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय राय को प्रभावित करने के उद्देश्य से अपनाई गई प्रतीत होती है।
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