बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार द्वारा इस्कॉन के भिक्षु चिन्मय कृष्ण प्रभु की गिरफ्तारी का लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी इस्कॉन भिक्षु की गिरफ्तारी का खुल कर विरोध किया है। उन्होंने बांग्लादेश पुलिस द्वारा चिन्मय कृष्ण दास की हिरासत की निंदी की और अंतरिम सरकार से हिन्दुओं पर अत्याचार बंद करने की अपील की।
अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट लिखते हुए जन सेना पार्टी के प्रमुख ने कहा, “आइए हम सब मिलकर इस्कॉन बांग्लादेश के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की निंदा करें। हम श्री मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं पर अत्याचार बंद करने का आग्रह करते हैं। भारतीय सेना का खून बहा है, हमारे संसाधन खर्च हुए हैं, बांग्लादेश के निर्माण के लिए हमारे सेना के जवानों की जान गई है। हम इस बात से बहुत परेशान हैं कि हमारे हिंदू भाइयों और बहनों को किस तरह से निशाना बनाया जा रहा है।” इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और भारत में संयुक्त राष्ट्र मिशन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की भी गुजारिश की।
पवन कल्याण ने ये बात समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आध्यात्मिक गुरु श्री-श्री रविशंकर के बयान पर कही। जिसमें एजेंसी से बात करते हुए श्री-श्री रविशंकर ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर किए जा रहे अत्याचार की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि एक पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री द्वारा आध्यात्मिक नेता को गिरफ्तार करना गलत है। वे (चिन्मय कृष्ण प्रभु) कोई हथियार या बंदूकें तो उठा नहीं रहे हैं। वे केवल अपने लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं और चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को रोका जाए।
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श्री-श्री ने टिप्पणी की कि मुहम्मद यूनुस को शांति और सुरक्षा लाने के लिए नोबल प्राइज दिया गया था और यही कारण है कि उन्हें वहां प्रधानमंत्री के रूप में रखा गया है। हम उनसे इस तरह की कार्रवाइयों की तो उम्मीद नहीं करते हैं, जिससे तनाव और भय का माहौल बने। उन्होंने ये भी कहा कि धार्मिक भिक्षुओं को गिरफ्तार करने से उनका, सरकार या फिर देश का कुछ भी भला नहीं होने वाला। इसके साथ ही श्री-श्री रविशंकर ने भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से बांग्लादेश पर दबाव बनाने की अपील भी की।
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