बांग्लादेश में दिनों दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हिंदू और भारत विरोधी भावनाएं चरम पर हैं और यदि उन्हें कोई बताने का प्रयास भी करता है तो निशाना बनाया जाता है। ऐसा ही वहां पर दो समाचार पत्रों के साथ हुआ। यह समाचार भी आ रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं की आवाज उठाने वाले चिन्मय दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। चिन्मय दास इस्कॉन से जुड़े हुए हैं और बांग्लादेश की सरकार इस्कॉन को निशाने पर लिए हुए है।
24 नवंबर 2024 को दैनिक Prothom Alo के ढाका स्थित कारवां बाजार में लगभग पूरे दिन भर कट्टरपंथियों ने विरोध प्रदर्शन किया। मीडिया के अनुसार कट्टरपंथियों ने भारत विरोधी प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी वहां बीफ पकाने की जिद्द कर रहे थे। वे Prothom Alo के कार्यालय के बाहर बीफ के साथ कचौड़ी बनाकर और वहीं पर खाने की जिद्द कर रहे थे।
उन्होंने जब यह कार्यक्रम शाम को 6.30 तक नहीं रोका तो पुलिस ने वहाँ पर मौजूद लोगों पर लाठीचार्ज किया और Prothom Alo के कार्यालय के सामने की सड़क को खाली कराया।
Prothom Alo और डेली स्टार नामक दो अखबारों के कार्यालयों के सामने लगातार प्रदर्शन किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये दोनों ही अखबार “भारत के एजेंट हैं”। बांग्लादेश में भारत विरोधी लॉबी का कहना है कि बांग्लादेश पर भारत का अप्रत्यक्ष शासन चलता है और भारत कई तरीकों से बांग्लादेश पर शासन करता है। और ये दोनों ही अखबार बांग्लादेश पर भारत के शासन में सहायता करते हैं।
जहां बांग्लादेश में भारत विरोधी और हिंदू विरोधी भावनाएं उभार पर हैं और लगातार हिंदुओं और भारत दोनों के ही खिलाफ उठाए जा रहे हैं तो वहीं बांग्लादेश के जनक शेख मुजीबुर्रहमान की तस्वीरों को आधिकारिक रूप से हटाया जाना जारी है। वहां से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें ईसी सम्मेलन कक्ष से शेख मुजीब की तस्वीर हटाई जा रही है। बांग्लादेश में सहिष्णुता और धार्मिक एकता को लेकर ललन शाह (lalon shah) के नाम पर एक मेला आयोजित किया जा रहा था, जिसे कट्टरपंथियों की धमकी के बाद अब निरस्त कर दिया गया है। ललन शाह सत्रहवीं शताब्दी के सुधारक थे, जो दोनों ही संप्रदायों के बीच एकता और प्रेम की बात करते थे। बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस मामले मे एक्स पर पोस्ट लिखी और जिसमें लिखा कि नारायणगंज सदर उपजिला के अंतर्गत काशीपुर संघ के नरसिंहपुर गांव में “मुक्तिधाम आश्रम और लालोन अकादमी” के परिसर में शुक्रवार शाम को “गुरुकर्मा” कार्यक्रम शुरू होना था। हालांकि, इस्लामवादियों के दबाव के कारण लालोन मेला (मेला) रद्द कर दिया गया। स्थानीय इस्लामवादियों के विरोध और धमकियों के बाद जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी।
The "Gurukarma" event was scheduled to begin on Friday evening at the premises of "Muktidham Ashram and Lalon Academy" in Narsinghpur village, Kashipur Union, under Narayanganj Sadar Upazila. However, due to pressure from the Islamists the Lalon Mela (fair) was canceled. The… pic.twitter.com/xRWv8JwtyU
— taslima nasreen (@taslimanasreen) November 23, 2024
वहीं इसके साथ ही एक और बड़ी खबर बांग्लादेश के हिंदुओं को लेकर आ रही है और वह यह कि बांग्लादेश में हिंदुओं के हितों की आवाज उठाने वाले श्री चिन्मय कृष्ण दास को मोहम्मद यूनुस की सरकार ने हिरासत में ले लिया है।
https://x.com/hindu8789/status/1861010028398063625?
एक नहीं तमाम घटनाएं ऐसी सामने आ रही हैं, जिनसे बांग्लादेश की वर्तमान अंतरिम सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आ रहा है। यह भी सामने आ रहा है कि कैसे वह लगातार मजहबी कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकती जा रही है।
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