ईरान के डायरेक्ट हमले के बाद इजरायल में रविवार को इजरायली वॉर कैबिनेट की बैठक हुई और इसमें इस बात पर सहमति बन गई है कि इजरायल काउंटर अटैक करेगा। लेकिन अभी तक हमले के टाइम और उसके स्केल पर बात नहीं बनी है। कई हिब्रू मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इजरायल स्पष्ट पलटवार करेगा।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इजरायली वॉर कैबिनेट ने ईरान के खिलाफ जबावी कार्रवाई का समर्थन किया है। लेकिन युद्ध कैबिनेट प्रतिक्रिया और उसके पैमाने को लेकर विभाजित है। इस बीच इजरायली विदेश मंत्री काट्ज़ ने ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड कैमरन और फ्रांसीसी विदेश मंत्री स्टीफन सेजॉर्न से बात की और ईरान के खिलाफ समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
काट्ज ने एक एक्स पोस्ट के जरिए स्पष्ट किया कि किसी किसी भी अन्य देश की तरह ही इजरायल अपने लोगों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अब ईरानी शासन को कमजोर करने का समय आ गया है। आईआरजीसी को एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित करने और ईरानी मिसाइल परियोजना पर कठोर प्रतिबंध लगाने की मांग काट्ज ने फ्रांस और ब्रिटेन से की।
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इस बीच बड़ी बात ये है कि आईडीएफ ने भी ईरान पर पलटवार पर लगी रोक को वापस ले लिया है। यानि कि इजरायल ईरान को उसी की भाषा में जबाव देने की तैयारी में है।
अमेरिका ने इस्लामिक देशों से की बात
वहीं दूसरी ओर अपने सहयोगी की मदद के लिए अमेरिका ने इजरायल के पड़ोसी इस्लामिक देशों से बातचीत आरंभ कर दी है। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को ही जॉर्डन, सऊदी अरब, मिस्र और तुर्की समकक्षों के साथ अलग-अलग कॉल में इज़रायल पर ईरान के हमले पर चर्चा की। सभी देशों के साथ बातचीत के दौरान ब्लिंकन ने दोहराया कि अमेरिका तनाव नहीं बढ़ाना चाहता और इजरायल की रक्षा का समर्थन करना जारी रखेगा।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि इजरायल हमास युद्ध में प्रॉक्सी तौर पर हमास के साथ खड़े ईरान शनिवार की रात को इजरायल पर एक साथ 300 से अधिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला कर दिया। हमले के लिए दावा किया जाता है कि ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों और क्रूज मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया। हालांकि, इजरायल के आयरन डोम डिफेंस सिस्टम और अमेरिका ने ईरान के ज्यादातर हमलों को नाकाम कर दिया। इजरायल का दावा है कि उसने ईरान के 99 प्रतिशत मिसाइलों और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।
क्या है ईरानी हमले की वजह
गौरतलब है कि इजरायल हमास युद्ध के बीच सीरिया से इजरायल पर हमले किए गए थे, जिसके जबाव इजरायल ने पलटवार किया, जिसमें सीरिया में ईरान के दूतावास पर भी धमाका हुआ था। इसी के बाद से ईरान इजरायल को युद्ध के लिए धमका रहा था। अब उसने ये हमला भी कर दिया है।
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