कनाडा की ताजा शरारत एक एडवायजरी की शक्ल में सामने आई है। उसने भारत में रह रहे कनाडाई नागरिकों के लिए इस एडवायजरी में सलाह दी है कि यहां लोगों से ज्यादा बात न करें, उनसे दूरी बनाकर रखें, अपनी जानकारी साझा न करें आदि आदि। क्या कनाडा यह दिखाना चाहता है कि भारत में उसके नागरिकों के लिए खतरा है? यहां उनके साथ दुर्व्यवहार हो सकता है!
भारत और कनाडा के बीच तनाव अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। भारत सरकार की लगातार सख्ती के बाद कनाडा की त्रूदो सरकार ने अपने 41 राजनयिकों को नई दिल्ली से वापस तो बुला लिया है, लेकिन अपने शरारती पैंतरे नहीं त्यागे हैं। जिस तरह वहां बसे खालिस्तानी तत्व भारत को लेकर दुष्प्रचार करते आ रहे हैं, उसी तरह उन खालिस्तानियों की बैसाखी के सहारे सत्ता में बैठे प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो की सरकार भारत को लेकर बेवजह की आशंकाएं अपने लोगों के मनों में भरने की कोशिश कर रही है। ताजा एडवायजरी उसी का एक नमूना लगता है!
उल्लेखनीय है कि भारत में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए ‘चिंतित’ कनाडा सरकार की इस एडवायजरी पर नजर डालें तो समझ आ जाता है कि इसमें सिर्फ दुर्भावनाजन्य ‘आशंकाएं’ ही हैं, जिनका कोई सिरपैर नहीं है। एडवायजरी में कहा गया है कि ‘कनाडा के नागरिक भारत में ‘कनाडा के विरुद्ध होने वाले प्रदर्शनों’ तथा धमकियों से सावधान रहें।’ कनाडा की सरकार को यहां कनाडा विरोधी उग्र प्रदर्शन नजर आ रहे हैं! इसके अलावा भी कनाडाई नागरिकों अनेक प्रकार की ‘सलाहें’ दी गई हैं।
भारत सरकार की लगातार सख्ती के बाद कनाडा की त्रूदो सरकार ने अपने 41 राजनयिकों को नई दिल्ली से वापस तो बुला लिया है, लेकिन अपने शरारती पैंतरे नहीं त्यागे हैं। जिस तरह वहां बसे खालिस्तानी तत्व भारत को लेकर दुष्प्रचार करते आ रहे हैं, उसी तरह उन खालिस्तानियों की बैसाखी के सहारे सत्ता में बैठे प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो की सरकार भारत को लेकर बेवजह की आशंकाएं अपने लोगों के मनों में भरने की कोशिश कर रही है। ताजा एडवायजरी उसी का एक नमूना लगता है!
कनाडा में खालिस्तानी तत्वों से जुड़े मुद्दे पर चारों ओर से घिरी कनाडा की सरकार ने अपनी नई एडवायजरी में लिखा है कि ‘बंगलुरु, चंडीगढ़ तथा मुंबई में कनाडा के महावाणिज्य दूतावास कुछ समय के लिए काम नहीं करेंगे।’ लिखा गया है कि कनाडा के नागरिक नई दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग से संपर्क करके आगे की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने गत 19 अक्तूबर को वक्तव्य जारी करके कहा था कि कनाडा के 41 राजनयिक भारत की आखिरी चेतावनी की वजह से अपने देश लौट रहे हैं। कनाडा को डर था कि यदि वे लोग 20 अक्तूबर की तय समय सीमा से ज्यादा भारत में टिकते तो उनकी राजनयिक को मिलने वाली छूट नहीं रहेगी। विदेश मंत्री जोली ने यह भी कहा था कि कनाडा तथा भारत के बीच पिछले दिनों तो रिश्ते बिगड़े हैं उनकी वजह से मीडिया तथा सोशल मीडिया पर कनाडा के प्रति लोग गुस्सा है, इसलिए विरोध प्रदर्शन तथा नकारात्मक भावना दिखाई दे रही है। इन हालात में जोली को लगा कि भारत में कनाडा के नागरिक किसी धमकी अथवा उत्पीड़न के चक्कर में पड़ सकते हैं, इसलिए उन्हें ‘सावधान’ रहना होगा।
उल्लेखनीय है कि कनाडा सरकार के नकारात्मक रवैए की वजह से भारत ने अपने यहां रह रहे कनाडा के 62 में से 41 राजनयिकों को देश से निकल जाने को कहा था। जोली ने बताया था कि भारत ने इसके लिए 20 अक्तूबर तक का समय दिया था। जोली ने भारत के इस फैसले को ‘अनुचित’ बताया था। इसके बाद ही, कनाडा की त्रूदो सरकार ने अपने नगरिकों के लिए ‘एडवायजरी’ जारी करके उन्हें ‘सतर्क’ किया है। उनको खासकर राजधानी ‘दिल्ली में अजनबियों से ज्यादा बात न करने’ की सलाह दे डाली। भारत कनाडा के प्रति सख्त कदम उठाता आ रहा है और इसने कनाडा के नागरिकों को वीजा जारी करना फिलहाल बंद किया हुआ है।
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