देव संस्कृति हमारी परंपरा का अंग : सरसंघचालक
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

देव संस्कृति हमारी परंपरा का अंग : सरसंघचालक

सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि मनुष्य मात्र को अपनी लघु चेतना को विकसित करना चाहिए, जिससे वे विविधता में एकता को समझ सकें और अपना सकें

by उत्तराखंड ब्यूरो
Aug 28, 2023, 09:59 pm IST
in उत्तराखंड, संघ
डॉ मोहन भागवत, सरसंघचालक

डॉ मोहन भागवत, सरसंघचालक

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि विविधता में एकता हमारी परंपरा का अंग है। मनुष्य मात्र को अपनी लघु चेतना को विकसित करना चाहिए, जिससे वे विविधता में एकता को समझ सकें और अपना सकें।

डॉ मोहन भागवत, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में जी-20 की थीम पर आयोजित दो दिवसीय वसुधैव कुटुंबकम व्याख्यानमाला के दूसरे दिन सभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत तेज का उपासक है। गायत्री परिवार भी सूर्य यानि इसी तेजस की उपासना करता है। इस यात्रा में चलने वाले प्रत्येक मनुष्य, साधक विश्व को बचाने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया में शांति हो, इस दिशा में सबको मिलकर कार्य करना चाहिए। प्राचीनकाल में ऋषियों ने छोटे-छोटे प्रशिक्षण केन्द्र के माध्यम से लोगों को प्रशिक्षित किया करते थे, जिससे वे अपने सभी सहयोगियों के साथ सामंजस्य के साथ रहते थे और सब एक कुटुंब की भांति रहा करते थे। उन्होंने कहा कि भारत का उत्थान केवल भारत के लिए नहीं, वरन् पूरे विश्व का कल्याणकारी है। ये ही देव संस्कृति है।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह समय अपरिमित संभावना को लेकर आया है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन सुनिश्चित है- सिपाही जागें, सावधान हो लें, तभी भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दया, त्याग, बलिदान और आध्यात्मिक उत्कर्ष का विकास केवल भारत में ही हुआ। भारत में ज्ञान की वह धाराएं विद्यमान हैं, जो पूरे विश्व को प्रकाशित करेगी। व्याख्यानमाला के समापन से पूर्व कुलपति शरद पारधी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी का युगसाहित्य, रुद्राक्षमाला, गंगाजली आदि भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सरसंघचालक ने यजन मोबाइल एप सहित कई पत्रिकाओं का विमोचन किया।

इससे पूर्व डॉ. भागवत ने भारत के एकमात्र बाल्टिक सेंटर, श्रीराम स्मृति उपवन सहित विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न प्रकल्पों का अवलोकन किया। सरसंघचालक ने विवि स्थित प्रज्ञेश्वर महादेव का अभिषेक कर सम्पूर्ण समाज की प्रगति की प्रार्थना की। इसके साथ ही उन्होंने सफेद चंदन का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

इसके पश्चात वे गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचे। यहां उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी से भेंट परामर्श किया। युवा पीढ़ी एवं समाज के विकास संबंधी विभिन्न विषयों पर मंत्रणा हुई। इस अवसर पर प्रमुखद्वय ने सरसंघचालक को युगसाहित्य एवं गायत्री मंत्र लिखित शाल भेंटकर सम्मानित किया। इसके पश्चात वे युगऋषिद्वय की पावन समाधि सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और मानव मात्र के उत्थान हेतु प्रार्थना की।

वहीं, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युजंय सभागार में आयोजित सभा में विद्यार्थियों ने वसुधैव कुटुंबकम् की थीम पर आधारित विभिन्न पहलुओं पर शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस अवसर पर शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार सहित देश के विभिन्न कोनों से आये गायत्री साधक एवं अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

Topics: Vasudhaiva Kutumbakam lecture seriesदेवसंस्कृति विश्वविद्यालय में मोहन भागवतराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघवसुधैव कुटुंबकम व्याख्यानमालाRashtriya Swayamsevak Sanghहरिद्वार समाचारHaridwar NewsसरसंघचालकSarsanghchalakमोहन भागवतMohan BhagwatRSSMohan Bhagwat in Devsanskrit University
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को केशव कुंज कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के संबंध में जानकारी दी। साथ में  दिल्ली प्रांत के संघचालक अनिल अग्रवाल जी।

आरएसएस के 100 साल:  मंडलों और बस्तियों में हिंदू सम्मेलन का होगा आयोजन, हर घर तक पहुंचेगा संघ

भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर

राजनीति से परे राष्ट्र भाव

indian parliament panch parivartan

भारतीय संविधान और पंच परिवर्तन: सनातन चेतना से सामाजिक नवाचार तक

RSS Suni Ambekar debunked Fake news

RSS को लेकर मीडिया फैला रहा मनगढ़ंत खबरें, ‘धर्मनिरपेक्ष-सामाजवादी बहस’ पर चल रहीं फेक न्यूज, जानिये क्या है सच्चाई

अतिथियों के साथ सम्मानित पत्रकार

सम्मानित हुए 12 पत्रकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

­जलालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies