जमशेदपुर के मुस्लिम बहुल आजाद नगर के एक सरकारी पार्क में संघ के कार्यकर्ता कबड्डी प्रतियोगिता कर रहे थे, लेकिन मुसलमानों ने कर दिया विरोध। पुलिस ने भी उनका साथ देते हुए कार्यकर्ताओं को दिया नोटिस।
झारखंड में कट्टरपंथियों का दुस्साहस इतना बढ़ चुका है कि अब वे लोग ही तय करने लगे हैं कि हिन्दू बच्चे कहाँ खेलेंगे और कहां नहीं। दुर्भाग्य से प्रशासन भी इन कट्टरपंथियों का ही साथ दे रहा है।
मामला जमशेदपुर के आजाद नगर थाना क्षेत्र का है। यहां के नेचर पार्क में 11 सितंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना था। इसके लिए 10 सितंबर को कुछ स्वयंसेवक खेल की तैयारियों के लिए वहां पहुंचे। लेकिन वहां के मुसलमानो ने कबड्डी प्रतियोगिता का विरोध किया । उन्हें इस बात से आपत्ति थी कि पार्क में भगवा ध्वज, भारत माता का चित्र और भारत माता की जय के नारे लगाए जाएंगे। विरोध करने वाले जमशेद आलम का कहना है कि यहां पर लोग फुटबॉल खेलने आते हैं और आरएसएस के लोग धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करना चाहते थे। यही कारण है कि स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।
वहां के माहौल को देखते हुए वन विभाग ने एक सप्ताह के लिए पार्क को बंद कर दिया। इसके बाद संघ का यह कार्यक्रम दूसरी जगह पर आयोजित किया गया। इसके बाद भी पुलिस ने संघ के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
प्रशासन ने संघ के दो कार्यकर्ताओं सतीश गुप्ता और ज्योति ओझा को धारा 107 के तहत नोटिस भेज दिया है। नोटिस में कहा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोगों ने सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने का काम किया है। आश्चर्य की बात ये रही कि जिन लोगों ने इस प्रतियोगिता का विरोध किया था, उन पर ना तो कोई कार्रवाई हुई और ना ही किसी प्रकार का नोटिस भेजा गया।
अनुमंडल पदाधिकारी संदीप कुमार मीना के अनुसार संघ के कार्यकर्ताओं पर इसलिए कार्रवाई हुई क्योंकि वे लोग बिना अनुमति के वहां प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि जमशेदपुर में मुस्लिम बहुल इलाके के अंदर हिंदुओं के खेलने पर प्रतिबंध है क्या? इस पर उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
वहीं आजाद नगर थाना प्रभारी एनके सिन्हा ने बताया कि मुसलमानों ने कबड्डी का विरोध किया था। इसलिए आयोजकों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है। इसके आगे उन्होंने भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।
जमशेदपुर महानगर के कार्यवाह रविंद्र नारायण सिंह ने कहा कि लोक प्रशासन का यह रवैया हिंदुओं में भ्रम और भय पैदा कर रहा है। संघ की ओर से कोई भी कार्यक्रम या प्रतियोगिता समाज को जोड़ने के लिए होती है ना कि समाज को तोड़ने के लिए। प्रतियोगिता में आने वाले बच्चे भी उसी आसपास के रहने वाले थे लेकिन प्रशासन की ओर से मना करने के बाद यह प्रतियोगिता काशीडीह में आयोजित की गई । उसके बाद भी जानबूझ कर हमारे कार्यकर्ताओं को नोटिस भेज कर उनका मनोबल तोड़ा जा रहा है।
अब कोई यह क्यों न कहे कि मुस्लिम बहुल इलाकों के सरकारी पार्कों में कुछ कार्यक्रम करने के लिए संबंधित विभाग से नहीं, बल्कि वहां के मुसलमानों से अनुमति लेनी पड़ेगी। ऐसा नहीं होगा तो वह कार्यक्रम स्थगित या फिर स्थानांतरित कर देना पड़ेगा।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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