चिरंजीलाल की मुस्लिमों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। जिले में मॉब लिंचिंग का यह पहला मामला नहीं है। लेकिन पहले की तरह यह मामला सुर्खियों में नहीं आया। पहलू खान की कथित मॉब लिंचिंग को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने वाले सेकुलर चिरंजी के मामले में चुप हैं।
अलवर जिले में गोविंदगढ़ उपखंड के रामबास गांव में चिरंजीलाल की मुस्लिमों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। जिले में मॉब लिंचिंग का यह पहला मामला नहीं है। लेकिन पहले की तरह यह मामला सुर्खियों में नहीं आया। पहलू खान की कथित मॉब लिंचिंग को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने वाले सेकुलर चिरंजी के मामले में चुप हैं। सोशल मीडिया पर फर्जी विमर्श चलाने वाले ‘हैशटैग’भी लापता हैं। ऐसी घटनाओं पर विशेष रिपोर्ट कर सनसनी फैलाने वाले अर्बन नक्सल गैंग भी मुंह फेरे हुए है। क्यों? क्योंकि इस घटना में मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ चिंरजीलाल एक गरीब हिंदू है और हिंदुओं हत्या से उन तत्वों का एजेंडा पूरा नहीं होता है। जबकि पहलू खान पर पहले से ही गोतस्करी के मामले दर्ज थे।
राजस्थान में पिछले एक वर्ष में जिहादियों ने अलवर, झालवाड़, बांसवाड़ा, चितौड़गढ़, उदयपुर और भीलवाड़ा में हिन्दू युवकों की निर्मम हत्याएं ने की है।
चिरंजीलाल के दो बेटे और दो बेटियां हैं। वह सब्जी का ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। चिरंजीलाल का परिवार हादसे के बाद से ही सदमे में है। पुलिस प्रशासन की कार्यशैली से नाराज है। मृतक चिरंजीलाल के बेटे योगेश ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
यह था पूरा घटनाक्रम
14 अगस्त की रात अलवर सदर थाना क्षेत्र से बदमाश ट्रैक्टर चोरी करके भाग रहे थे। ट्रैक्टर मालिक को घटना का पता चला। उसने कुछ लोगों के साथ चोरों का पीछा किया। बदमाश घिरे तो ट्रैक्टर को रामबास गांव में बिजली घर के पास खेत में छोड़कर भाग गए। अगले दिन तड़के चिरंजीलाल खेत में शौच के लिए गए थे। इसी दौरान स्कॉर्पियो और पिकअप गाड़ी में सवार होकर आए मुस्लिम समुदाय के 15-20 लोगों की भीड़ ने चिंरजी को बेरहमी से पीटा। चीख-पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग दौड़कर वहां पहुंचे तो चिरंजीलाल अधमरी हालत में दिखे। मौके पर ही मारपीट करने वाले आरोपी खड़े थे, वे चिरंजीलाल पर ट्रैक्टर चोरी का आरोप लगा रहे थे।
- घटना की सूचना मिलने पर सुबह करीब 6.30 बजे गोविंदगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची। इस बीच आरोपियों और ग्रामीणों में बहस होती रही। पुलिस ने घायल चिरंजीलाल को गोविंदगढ़ सीएचसी पहुंचाया। हालत गंभीर होने पर जयपुर भेजा गया।
- जयपुर में 15 अगस्त को शाम 3 बजे चिरंजीलाल की मौत हो गई। शव देर रात 11 बजे जयपुर से रामबास गांव पहुंचा।
- 16 अगस्त को सुबह 7 बजे आक्रोशित परिजन और गांव के लोगों ने रामगढ़-गोविंदगढ़ रोड को जाम कर दिया। पीड़ित पक्ष ने 50 लाख मुआवजे, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। परिवार तीनों मांगें पूरी न होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़ गया। दोपहर 2.20 बजे प्रशासन व परिवार के बीच सहमति बनी।
- प्रशासन की ओर से लक्ष्मणगढ़ उपखंड अधिकारी लाखन गुर्जर ने जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी से बात करके परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा तुरंत दिलाने और बाद में 50 लाख रु. के मुआवजे व सरकारी नौकरी का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजने का आश्वासन दिया। सहमति बनने के बाद दोपहर 2.30 बजे रामगढ़-गोविंदगढ़ सड़क मार्ग से जाम हटाया गया। बाद में मृतक के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
इस मुद्दे पर प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया है कि तुष्टीकरण की राजनीति का पर्याय बन चके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिरंजीलाल की हत्या पर एक शब्द भी नहीं बोला, ना ही परिवार को कोई सांत्वना दी। प्रदेश भाजपा ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी के सदस्य हैं उप नेता, प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी और प्रदेश महामंत्री व विधायक मदन दिलावर। हालांकि मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान ने चिरंजीलाल के बेटे को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है और आरोपियों को कठोर सजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
राजस्थान में बढ़ते मॉब लिंचिंग के मामलों का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने मुख्य सचिव, डीजीपी, संभागीय आयुक्त, आईजी तथा अलवर के जिलाधिकारी व एसपी को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब तलब किया है। पुलिस ने 17 अगस्त की रात तक सायबू, विक्रम खान, असद खान, पोला खान, तालिम, कासम, साहुन, हुसैन और वारिस को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
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