वाराणसी । बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में तीन दिनों तक चलने वाले लक्खा मेले ( रथयात्रा मेला ) का शुभारंभ मंगला आरती के साथ शुरू हो गया। भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के साथ पालकी यात्रा करते हुए प्रभु रथ पर विराजमान हुए। पालकी यात्रा में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए। भोर में पांच बजे भगवान को 56 प्रकार का भोग भी अर्पित किया गया। जिसमें प्रभु को प्रिय नानखटाई, पीले पेड़ो और पीले पुष्प को मुख्य रूप से अर्पित किया गया।
पुजारी राधेश्याम पांडेय ने बताया कि 1790 के आस पास बताया जाता है कि काशी के असि क्षेत्र में जगन्नाथ मंदिर बनकर तैयार हुआ। 1802 में प्रसिद्ध रथयात्रा मेले का शुभारंभ हुआ। काशीवासियों ने इस रथ को खींचकर इसकी शुरुआत की। भोर में डमरूओं की नाद, हर हर महादेव, जय कन्हैया लाल के उद्घोष के साथ आरती प्रारंभ हुई। पंच प्रहर की आरती की जाएगी।
मेला क्षेत्र को प्लास्टिक फ्री जोन बनाया गया है। मेला क्षेत्र में वाहनों को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। मेयर अशोक तिवारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड, सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात हैं। ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह ने बताया काशी तीन दिनों तक रथयात्रा मेले में रम जाती है। भक्तों को कोई असुविधा न हो ट्रस्ट से जुड़े लोग मेला क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर रहे हैं।
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