जालंधर। पंजाब के जालंधर जिले के फिल्लौर स्थित राधा स्वामी कॉलोनी में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर कालिख पोतने की शर्मनाक हरकत की गई। इसकी जिम्मेदारी खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ली है। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची व मामले की जांच शुरू कर दी है।
आतंकी पन्नू ने दावा किया है कि डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर एसएफजे संगठन की तरफ से कालिख पोती गई है। प्रतिमा पर एसएफजे का नाम लिखा गया और खालिस्तान का झंडा भी लहराया गया। एसएफजे ने इस घटना का एक वीडियो जारी करते हुए 6 जून को पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बाबा साहेब की अन्य मूर्तियों को भी इसी तरह कालिख पोतने की धमकी दी है।
पन्नू का कहना है कि भारतीय संविधान जिसे डॉ. आम्बेडकर ने तैयार किया था, वह वैचारिक हथियार है। इसने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को कानूनी वैधता दी। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 (बी) के तहत सिखों को कानूनी रूप से हिंदू घोषित किया गया, जिसने सिख पहचान को मिटाने व गोल्डन टेंपल पर हमले की जमीन तैयार की। संविधान ही इंदिरा गांधी सरकार के लिए सिखों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई और हिंसा को उचित ठहराने का जरिया बना।
फिल्लौर की इस घटना को लेकर स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर आ गई हैं। अंबेडकर की मूर्ति के अपमान को लेकर संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। पुलिस ने मूर्ति पर कालिख पोतने और झंडा लगाने की घटना की जांच शुरू कर दी है। दोषियों को पकड़ने के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
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