यूनुस और शेख हसीना
बांग्लादेश में सत्ता के लिए संघर्ष तेज होता जा रहा है। जहां अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस काउंसिल के माध्यम से यह साफ कर चुके हैं कि जब तक चुनाव सुधार नहीं होते, तब तक वह चुनाव नहीं कराएंगे तो वहीं अब शेख हसीना का भी बयान सामने आ रहा है।
इंडिया टुडे के अनुसार बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर आरोप लगाया और कहा कि वे देश को अमेरिका के हाथों बेच रहे हैं। यूनुस आतंकियों और चरमपंथियों के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी पर प्रतिबंध की भी आलोचना की।
गौरतलब है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध अंतर्राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल में मामला चलने तक है। अवामी लीग पर प्रतिबंध के लिए बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे थे। कट्टरपंथी समूहों ने यह धमकी भी दी थी कि अवामी लीग पर प्रतिबंध हर कीमत पर लगना चाहिए।
शेख हसीना ने यह भी लिखा कि उनके वालिद को अपनी ज़िंदगी कुर्बान करनी पड़ी थी क्योंकि वे अमेरिका को सैंट मार्टिन द्वीप देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। देश पहले मुहम्मद यूनुस से प्रेम करता था, मगर लौटने के बाद वे एकदम अलग इंसान हैं। इंडिया टुडे के अनुसार उन्होंने कहा कि यूनुस ने आतंकवादियों की मदद से सत्ता हथियाई है, आतंकवादियों की मदद से, सभी आतंकवादियों, यहां तक कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में प्रतिबंधित लोगों की मदद से, जिनसे हमने बांग्लादेश के लोगों की रक्षा की है। केवल एक आतंकवादी हमले के बाद, हमने सख्त कदम उठाए। कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। अब जेलें खाली हैं। उन्होंने सभी को रिहा कर दिया। अब बांग्लादेश उन आतंकवादियों का राज है”
अपनी पार्टी पर प्रतिबंध को लेकर उन्होंने कहा कि इस देश का संविधान बहुत बलिदानों और कुर्बानियों के बाद बना था। किसने इस आतंकी नेता को संविधान को छूने की आजादी दी, जिसने गैर कानूनी तरीके से सत्ता हासिल की है? इस नेता के पास जनादेश नहीं है, कोई भी संवैधानिक आधार नहीं है। इस पद का कोई आधार नहीं है और इसका तो अस्तित्व भी नहीं है। तो कैसे वह बिना किसी संसद के संविधान को बदल सकता है? उन्होनें अवामी लीग को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
मोहम्मद यूनुस पर बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा था कि जैसे ही मोहम्मद यूनुस ने इस देश में कदम रखा था वैसे ही उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी मुकदमे निरस्त करवा लिए थे। “मुख्य सलाहकार के पद से, उन्होंने जिहादी उग्रवादियों और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया, विपक्ष को खत्म करने के लिए नफरत और द्वेष फैलाया, तौहीदी भीड़ को खून-खराबे के लिए उकसाने के लिए रीसेट बटन दबाया।“ उन्होनें आगे लिखा कि “पिछले नौ महीनों में, उन्होंने एक ऐसी पीढ़ी को जन्म दिया है जो उन्मादी, अस्थिर, तर्कहीन और असहिष्णु है। उन्होंने देश में अशांति की बाढ़ ला दी है। अपने फॉलोअर्स को खुला छोड़कर उन्होनें जिहादी आतंक फैलाया है, विध्वंस करवाया है। उन्होनें असंख्य लोगों को कत्ल के मामले में फँसाकर जेल भेजा है।“ फिर वह लिखती हैं कि “उन्होंने गलियारे और बंदरगाहों को विदेशी सैन्य शक्तियों को सौंप दिया है और पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बर्बाद कर दिया है।“
यह पोस्ट दरअसल उन्होंने तब लिखा था जब ऐसी अफवाहें थीं कि मोहम्मद यूनुस को पद छोड़ना होगा। उन्होंने पूछा था कि क्या ऐसे अपराध करने वाले को ऐसे ही छोड़ दिया जाना चाहिए?
इन दो महिलाओं के बाद बीएनपी की बात आती है। बांग्लादेश नेशनल पार्टी लगातार चुनावों की बात कर रही है, मगर मोहम्मद यूनुस चुनाव को टाल रहे हैं। अब बीएनपी ने मांग की है कि अंतरिम सरकार से कथित छात्र नेताओं को हटाया जाए। उन्होंने मांग की कि अंतरिम सरकार से नेशनल सिक्युरिटी एड्वाइज़र को हटाया जाए। बीएनपी नेताओं के साथ मोहम्मद यूनुस ने बात की थी। इस बातचीत के बाद ही बीएनपी ने यह मांग की है कि दो छात्र नेताओं को अंतरिम सरकार से हटाया जाए, जिससे अंतरिम सरकार की निष्पक्षता बनी रह सके।
उन्होंने कहा कि “”हमने लिखित बयान में उनके इस्तीफ़े की मांग की है। सुरक्षा सलाहकार और दो छात्र सलाहकारों के कारण इस सरकार की निष्पक्षता कमज़ोर हो रही है,” ये दो छात्र नेता हैं आसिफ महमूद और महफूज आलम। बीएनपी ने अपनी बात को फिर दोहराया है, जिसमें उन्होंने जल्दी चुनावों की बात की है।
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