नई दिल्ली । ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट चरम पर पहुंच गई है। इसी क्रम में पाकिस्तान ने गुरुवार रात भारत के कई सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर खासकर जम्मू शहर में हमला करने की नाकाम कोशिश की, जिसे भारतीय सुरक्षाबलों ने समय रहते विफल कर दिया।
इसी बीच सोशल मीडिया पर पाकिस्तान द्वारा राजौरी में फ़िदायीन हमले की फर्जी खबर तेजी से चलने लगी। जिसे भारत सरकार ने फर्जी करार दिया है. पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- “राजौरी, जम्मू और कश्मीर में सेना की एक ब्रिगेड पर “फिदायीन” हमले के बारे में फर्जी खबरें प्रसारित हो रही हैं। किसी भी सेना कैंट पर ऐसा कोई फिदायीन या आत्मघाती हमला नहीं हुआ है। भ्रामक बनाने और भ्रम पैदा करने के इरादे से किए गए इन झूठे दावों के झांसे में न आएं”
🚨 #Fake_news is circulating about a “fidayeen” attack on an Army brigade in #Rajouri, #Jammu and #Kashmir.#PIBFactCheck:
▶️ No such #fidayeen or suicide attack has occurred on any army cantt.
⚠️ Do not fall for these false claims intended to #mislead and cause confusion. pic.twitter.com/x8Az5tigUO
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) May 8, 2025
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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