संसद कानून बनाती है और जज याचिका पर रोक देता है, कैसे कानून के ऊपर भी एक श्रेणी बन गई, न्यायपालिका पर बोले उपराष्ट्रपति
May 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

संसद कानून बनाती है और जज याचिका पर रोक देता है, कैसे कानून के ऊपर भी एक श्रेणी बन गई, न्यायपालिका पर बोले उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी मिलने के मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर सवाल उठाया

by WEB DESK
Apr 17, 2025, 08:31 pm IST
in भारत
Rajnaka award Vice chancelor Jagdeep Dhankharh

जगदीप धनखड़, उप राष्ट्रपति

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को विधायिका और न्यायपालिका पर खुलकर बोले। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी मिलने के मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक संज्ञेय अपराध में कानून के तहत एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है और संविधान केवल राष्ट्रपति और राज्यपालों को ही ऐसे मामलों में छूट प्रदान करता है। एक महीना बीत जाने के बाद भी हमें नहीं पता की मामले में जांच कहां तक पहुंची है। उन्होंने इस मामले में बनाई गई समिति की वैधता पर भी सवाल उठाए। यह भी कहा कि न्यायपालिका में सुधार बहुत जरूरी है। संसद अब कोई बड़ा कानून पारित भी कर ले तो उसे कोई एक जज एक याचिका पर रोक देता है।

धनखड़ ने आज उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में राज्यसभा इंटर्न के छठे बैच को संबोधित करते हुए कहा कि मामले को प्रकाश में आए एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक इसमें कोई जांच प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। घटना के सात दिन बाद मामला मीडिया में आने के बाद ही प्रकाश में आया था। कानून के शासन के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में उसकी आपराधिक न्याय प्रणाली की शुद्धता उसकी दिशा निर्धारित करती है। आपराधिक मामलों में सबसे पहले एफआईआर दर्ज करना जरूरी है। यह नियम स्वयं उन पर और बाकी सभी पर लागू होता है। एक संज्ञेय अपराध में एफआईआर दर्ज न करना भी एक अपराध है, लेकिन हम सबके मन में एक प्रश्न है कि अभी तक फिर एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई है।

संविधान में केवल राष्ट्रपति और राज्यपालों को ये छूट

उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले संबंधित न्याय तंत्र से अनुमति लेनी जरूरी कर दिया गया है हालांकि संविधान में इसका कोई जिक्र नहीं है। संविधान केवल राष्ट्रपति और राज्यपालों को ही इस तरह की छूट प्रदान करता है। उन्होंने सवाल किया कि कैसे कानून से भी ऊपर एक श्रेणी बना दी गई, जिसके पास इस तरह की प्रतिरक्षा है।

न्यायपालिका का काम जांच करना नहीं

धनखड़ ने कहा कि यह लोकतंत्र की सफलता के लिए जरूरी है कि तीन मौलिक स्तंभ- विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका- बोर्ड से ऊपर हैं। वे पारदर्शी और जवाबदेह हैं। वे बड़े पैमाने पर उच्चतम मानकों का अनुकरण करने वाले लोगों को उदाहरण देते हैं और इसलिए, समानता का सिद्धांत, कानून के समक्ष समानता की अवहेलना की गई है। उपराष्ट्रपति ने इस मामले की जांच के लिए बनाई गई तीन जजों की समिति पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि यह भी संविधान के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का काम जांच करना नहीं है। समिति केवल सिफारिश कर सकती है मामले में कार्रवाई करने का अधिकार संसद के पास है। इस देश में न्यायिक सुधार बहुत जरूरी है।

समिति की वैधता पर सवाल

उन्होंने समिति की वैधता पर भी सवाल खड़े किए और पूछा कि क्या एक विशेष वर्ग के लिए अलग कानून होगा और वे कानून संविधान और संसद के दायरे से बाहर होगा। इस समिति के पास क्या वैधता और न्यायिक अधिकार हैं? उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की और कहा कि क्या हम कानून के शासन को कमजोर नहीं कर रहे हैं? क्या हम सामूहिकता के प्रति जवाबदेह नहीं हैं जिन्होंने हमें संविधान दिया?

ये भी पढ़ें – राष्ट्रपति को निर्देश देना असंवैधानिक, आर्टिकल 142 बन गया परमाणु मिसाइल, SC के फैसले पर उपराष्ट्रपति ने उठाए सवाल

 

Topics: उपराष्ट्रपतिसुप्रीम कोर्टराष्ट्रपतिजगदीप धनखड़राज्यपालन्यायपालिकाजस्टिस वर्मादिल्ली हाई कोर्ट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेते जस्टिस बीआर गवई

देश के 52वें चीफ जस्टिस बने भूषण रामकृष्ण गवई, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

दिल्ली में बुलडोजर एक्शन: तैमूर नगर के आसपास 100 से अधिक अवैध मकान ध्वस्त, बांग्लादेशी घुसपैठियों की आई शामत

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट

पेगासस से जुड़ी पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल गलत नहीं : SC

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शरिया अदालत और फतवे कानूनी रूप से अमान्य

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लखनऊ : सपा विधायक सहित चार को 3 महीने की जेल, 1300 का जुर्माना भी लगा

बूंद-बूंद को मोहताज पाकिस्तान गिड़गिड़ाया, कहा- सिंधु जल संधि पर विचार करे भारत, हमारी फसलें हो रहीं बर्बाद

भारत के स्वदेशी हथियार

ऑपरेशन सिंदूर में गरजा स्वदेशी पराक्रम, दुनिया ने देखा आत्मनिर्भर भारत का दम!

दिल्ली आबकारी घोटाला : AAP नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह कोर्ट में पेश हुए

तुर्किये को एक और झटका : JNU ने तुर्की यूनिवर्सिटी के साथ MOU किया निलंबित

मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेते जस्टिस बीआर गवई

देश के 52वें चीफ जस्टिस बने भूषण रामकृष्ण गवई, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

‘जहां कभी था लाल आतंक, वहां लहरा रहा तिरंगा’ : 21 दिनों में 31 कुख्यात नक्सली ढेर, अमित शाह ने दी जवानों को बधाई

‘ऑपरेशन केलर’ में बड़ी सफलता : शोपियां में मारे गए आतंकियों से युद्ध का सामान बरामद, तबाही की तैयारी करे बैठे थे आतंकी

जेवर में बनेगा देश का छठा सेमीकंडक्टर प्लांट : केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए कई बड़े फैसले

ये लोग कब्जा कर देशभर में फैल रहे : त्रिपुरा में ‘ऑपरेशन डिटेक्ट एंड डिपोर्ट’ चलाने की उठी मांग

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies