‘अब ये हाथ कांपते नहीं, कमाई करते हैं’
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

‘अब ये हाथ कांपते नहीं, कमाई करते हैं’

सेवा भारती  दक्षिण तमिलनाडु ने 2 मार्च को कर्मयोगिनी संगम  का आयोजन किया। कन्याकुमारी  जिले के  नागरकोइल स्थित अमृता काॅलेज  परिसर में आयोजित इस संगम में 35 ,620 महिलाओं ने सहभाग किया

by WEB DESK
Mar 31, 2025, 08:00 am IST
in विश्लेषण, संघ, तमिलनाडु
दीप प्रज्ज्वलित कर संगम का उद्घाटन करते रा. स्व. संघ के सरकार्यवाह 
श्री दत्तात्रेय होसबाले और आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी

दीप प्रज्ज्वलित कर संगम का उद्घाटन करते रा. स्व. संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले और आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राधा कभी सिलाई मशीन से डरती थीं। मशीन चलाते समय उनकी उंगलियां कांप जाती थीं। जैसे जीवन की अनिश्चितताओं से हर रोज कांपती रही थीं, लेकिन आज उसी राधा ने मंच पर खड़े होकर पूरे आत्मविश्वास से कहा, “अब मैं महीने में 5,000 रु. कमाती हूं.. और ये हाथ कांपते नहीं, कमाई करते हैं।”

यह दृश्य था सेवा भारती दक्षिण तमिलनाडु द्वारा आयोजित ‘महिला शक्ति संगम’ का एक ऐसा संगम, जो केवल कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उन सैकड़ों-हजारों महिलाओं की भावनाओं, आत्मबल और संघर्षों का उत्सव था, जो वर्षों से चुपचाप समाज को नया आकार दे रही हैं। इस संगम में आई हर महिला अपने साथ एक कहानी लेकर आई थी, कभी आंसुओं में डूबी, कभी संघर्षों से सनी, पर अब उम्मीदों से भरी हुई।

कोई विधवा थी, जिसने दो बच्चों को सिलाई सीखाकर पालना शुरू किया। कोई घरेलू हिंसा की शिकार रही, जो अब दूसरी महिलाओं के लिए परामर्शदाता बन चुकी है। कोई गांव की एकांत दुनिया से बाहर निकली, और अब खुद का छोटा व्यवसाय चला रही है। इन सबको जोड़ता था सेवा भारती का साथ, जिसने न केवल प्रशिक्षण दिया, बल्कि भरोसा भी दिलाया कि तुम भी कुछ कर सकती हो।

कार्यक्रम की आत्मा : हजारों महिलाओं से गूंजता हुआ पंडाल, लोकनृत्यों की थाप, आत्मनिर्भरता की कहानियां, और आंखों में चमक, यह केवल आयोजन नहीं, एक सामाजिक जागरण था। हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी में उन हाथों की कला दिखी जो पहले केवल खाना पकाने और परोसने तक सीमित थे। सांस्कृतिक प्रस्तुतियां उस साहस की प्रतीक बन गई, जिसे आज ये महिलाएं जी रही हैं। सम्मान समारोह में जब महिलाओं को मंच पर बुलाया गया, तो उन्हें सिर्फ सम्मान नहीं मिला,पहचान मिली।

सेवा से शक्ति की ओर : सेवा भारती दक्षिण तमिलनाडु का कार्य सिर्फ प्रशिक्षण देना नहीं है, यह महिलाओं को अपने भीतर की शक्ति से परिचित कराता है। संगठन का यह विश्वास रहा है कि अगर एक महिला सशक्त होती है, तो वह पूरे समाज को सशक्त कर सकती है। संगठन ने दक्षिण तमिलनाडु के विभिन्न गांवों और शहरी झुग्गियों में सिलाई केंद्र, कंप्यूटर प्रशिक्षण, हस्तकला प्रशिक्षण और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के माध्यम से यह कार्य किया है।

रिश्तों से बने समाज : इस संगम की सबसे सुंदर बात यह थी कि यहां कोई ‘प्रशिक्षक’ या ‘प्रशिक्षार्थी’ नहीं था। सब एक-दूसरे के साथी, बहन, और प्रेरणा बनकर खड़े थे। एक महिला ने कहा, “मैं तो सिर्फ कढ़ाई सीखने आई थी, पर यहां बोलना, मुस्कुराना और सपने देखना भी सीख लिया।”

चुनौतियां और उम्मीदें : इन महिलाओं के लिए जीवन कभी आसान नहीं रहा। आर्थिक तंगी, सामाजिक बंधन, पारिवारिक दबाव सब कुछ था। पर इस संगम में जो भाव था, वह था कि ‘हम अब पीछे नहीं जाएंगे।’ सेवा भारती के कार्यकर्ता, जो स्वयं गांवों से आते हैं, हर एक महिला को हाथ पकड़कर आगे ले जाते हैं। न कोई उपदेश, न प्रचार बस साथ चलने का वादा।

बदलाव की आहट : ‘महिला शक्ति का अद्वितीय संगम’ इस बात का प्रतीक है कि परिवर्तन किसी बड़े आंदोलन से नहीं, बल्कि छोटे-छोटे आत्मविश्वास से भरे कदमों से आता है।

इस संगम में महिलाओं ने केवल मंच नहीं साझा किया, उन्होंने स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और सामाजिक उत्तरदायित्व साझा किया। सेवा भारती दक्षिण तमिलनाडु ने यह साबित किया कि सेवा जब संवेदना से जुड़ती है, तब वह केवल मदद नहीं देती, जीवन की दिशा बदल देती है।

Topics: सामाजिकसेवा भारतीआत्मनिर्भरतापाञ्चजन्य विशेषस्वाभिमानमहिला शक्ति संगमसेवा से शक्ति
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

ममता बनर्जी  एवंं असदुद्दीन ओवैसी

मतदाता सूची : बवाल के पीछे असल सवाल

भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर

राजनीति से परे राष्ट्र भाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies