राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2025 की बैठक में संघ के सेवा और सामाजिक परिवर्तन कार्यों की प्रेरणादायक तस्वीर सामने आई है। सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले द्वारा प्रस्तुत वार्षिक प्रतिवेदन में बताया गया कि देश के विभिन्न प्रांतों में स्वयंसेवकों ने न केवल घुमंतू और वनवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ा, बल्कि छुआछूत, नशाखोरी, बाल विवाह, अशिक्षा जैसी सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध संगठित प्रयास कर बस्तियों को विकास और समरसता की दिशा में अग्रसर किया है।
तेलंगाना में विकास की मुख्यधारा में आया घुमन्तु समाज और वनवासी समाज
इंदूर नगर के श्री नीलकंठेश्वर उद्योगी शाखा ने शाखा के भौगोलिक परिसर में स्थित एक घुमन्तु समाज और वनवासी निवास करने वाली बस्ती को चयनित किया। व्यापक सर्वेक्षण किया गया और उनकी जरूरतों, समस्याओं को पहचाना गया । बस्ती का विकास हो इसलिए अनेक समाजोपयोगी कार्य आरम्भ हुए । सीवेज सिस्टम को ठीक किया गया। मानसून के दौरान वैकल्पिक आवास, भोजन की व्यवस्था की गई । घरों में बिजली की आपूर्ति के लिए प्रयास किये गए । सम्मक्का सरलम्मा (यहाँ की स्थानीय वन देवता) के मंदिर, जो उनके आदर्श हैं, का निर्माण किया गया। इस प्रयास से उनमें हिंदू धर्म की प्रति निष्ठा बढ़ी है और घर-घर हनुमान चालीसा कार्यक्रम का आयोजन उस बस्ती में किया गया ।
बस्ती में महाराजा रामुलु के साथ घर-घर धर्म ज्योति नामक कार्यक्रम में महाराज स्वयं सभी घरों में गए और हर घर में धर्म ज्योति जलाई और उन्हें भगवान की पूजा छवि और केसर से आशीर्वाद दिया। बच्चों को स्कूल भेजना प्रारम्भ हुआ । अब 90 प्रतिशत बच्चे स्कूल जा रहे हैं। शाखा वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में एक परिवार के रूप में बस्ती निवासियों ने भाग लिया ।
आंध्र प्रदेश में जगाया समरसता का भाव
विशाखा विभाग, अनकापल्ली जिला के -गोंडुपालेम व्यवसायी तरुण शाखा ने गाँव का श्मशान सब के लिए खुला होना चाहिए इसलिए सभी जातियों के नेता गण को एकत्रित कर अनेक बार चर्चा कर आम सहमती बनाई। सब ने मिलकर पैसा इकट्टा करके श्मसान में शिव भगवान की एक मूर्ती स्थापित की एवं सरहद दीवार बनाई। गाँव में समरस भाव का जागरण भी हुआ। इसी प्रकार गाँव में सर्वेक्षण करके 157 जरुरत मंद लोगों की मेडिकल जांच करवाई। 78 लोगों की मोतीबिंदु शस्त्रक्रिया करवाई । मजदूर लोगों के बच्चों को स्वयंसेवकों ने पढाना प्रारंभ किया। अब उनमें से कई बच्चे पाठशालाओं में जा रहे हैं।
मालवा में शाखा ने धार्मिक आयोजन व मासिक गतिविधि आरम्भ की
अलीराजपुर जिले के कट्ठिवाड़ा खंड में आमखुट ग्राम की बिरसा मुंडा शाखा के द्वारा मंडार गांव में अतिप्राचीन, पहाड़ के ऊपर पत्थर की गुफा में बना गोतर माता (गोद भराई) मंदिर के पुनर्जागरण का कार्य किया। इस जनजाति ग्राम में कुल 200 परिवार है। शिक्षा व अन्य सुविधाओं के अभाव में स्थानान्तरण होता है। शाखा द्वारा ग्राम समिति बनाकर धार्मिक आयोजन व मासिक गतिविधि आरम्भ हुई। स्वयंसेवकों ने श्रमदान, स्वच्छता अभियान एवं दीवार लेखन का कार्य किया।
मध्य भारत में शाखाओं 103 प्रकार की समस्याएं का हुआ समाधान
विदिशा विभाग के सभी 29 खंडो की चिह्नित 56 व्यवसायी शाखाओं ने शाखा क्षेत्र का सामाजिक अध्ययन कर चिन्हित समस्या के समाधान हेतु सार्थक प्रयास प्रारम्भ किया है। शाखाओं की जागरण टोली ने समस्या का चयन किया एवं समाज की सज्जन शक्ति एवं विविध संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ समस्या समाधान की योजना बनाई। शाखाओं पर विभाग, ज़िला कार्यकारिणी के कार्यकर्ताओं को पालक इस नाते निश्चित किया गया।
शाखाओं द्वारा नशा मुक्ति, सरकारी विद्यालय में बच्चों की कम उपस्थिति, गो-संरक्षण, नर्मदा जी का संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक पर कार्य, फलदार वृक्षों की कमी, लव जिहाद, धार्मिक जागृति का अभाव, संस्कार शिक्षण कमी, अस्वच्छता, मोबाइल गेमिंग, हिंदू परिवार पलायन इस तरह से 103 प्रकार की समस्याएं चिन्हित की गयी। समाज के सहयोग से सार्थक परिणाम भी दिखाई देने लगे है। मा. सरकार्यवाह जी के साथ अध्ययन करने वाली शाखा टोली के कार्यकर्ताओं का अनुभव कथन एवं संवाद हुआ। सभी 56 शाखाओं के 652 कार्यकर्ता उपस्थित हुए ।
महाकोशल में बढ़ा समरसता का प्रतिशत
छतरपुर विभाग में ग्राम स्तर पर सामाजिक समरसता सर्वेक्षण सम्पन्न हुआ। सभी 270 मण्डल के 2106 ग्राम में 9 बिन्दु के सर्वेक्षण पत्रक के आधार पर कार्यकर्ताओं ने घर घर जाकर सर्वेक्षण कार्य किया। सर्वेक्षण में पाया गया कि 1936 ग्रामों में सभी जाती समाज के बंधुओं को मंदिर में प्रवेश है, 1913 ग्रामों में सभी वर्गों का एक ही श्मशान स्थल पर अंतिम संस्कार होता है एवं 1954 ग्रामों में धर्मशालाओं के उपयोग की अनुमति सभी जाती के बंधुओ के लिए है। ऐसी और भी सकारात्मक बाते ध्यान में आयी। 10% ग्राम में कार्य करने की आवश्यकता है यह भी ध्यान में आया । 1440 ग्राम में 11 सदस्यों की ग्राम समिति बनाई गई है । निश्चित समय पर इनकी बैठक होती है। लगातार 3 वर्षों के इन बिन्दुओं पर कार्य हो रहा है। इसलिए समरसता का प्रतिशत बढ़ा है। सभी 2106 ग्राम मे समिति बनाने का लक्ष्य लिया गया ।
चित्तौड़ में जागरण टोली ने शुरू किए कई उपक्रम
आसींद जिला, गुलाबपुरा नगर श्री राम तरुण व्यवसायी शाखा के जागरण टोली ने वर्ष भर में अनेक उपक्रम किये। इसमें समाजजनों की सहभागिता रही ।
नागरिक कर्तव्य : विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय 100% मतदान हो इसलिए छोटी बैठकों का आयोजन किया गया 80% से ज्यादा मतदान हुआ।
सामाजिक समरसता : श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रभात फेरी शुरू की गई। एक वर्ष पूर्ण होने पर विशाल प्रभात फेरी का आयोजन किया गया और तत्पश्चात सामाजिक समरसता भोज का आयोजन था। सभी परिवारों के दो हजार से अधिक लोगों ने साथ में भोजन किया। शरद पूर्णिमा सहित दो बार परिवार मिलन का आयोजन किया जिसमे 100 से अधिक परिवारों का सहभाग रहा।
‘स्व भाव का जागरण : बेरवा समाज के बाहुल्य क्षेत्र में हनुमान मंदिर निर्माण में सहयोग किया तथा बस्ती का नाम तिरुपति नगर करने के लिए कार्य में सहयोग किया । माली मोहल्ले में शिव मंदिर निर्माण में भी कार्यकर्ताओं द्वारा सहयोग किया गया। पर्यावरण वर्षा काल में पानी निकालने में प्रशासन का सहयोग किया।
सेवा उपक्रम : इस वर्ष भीषण गर्मी को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन सुबह यात्रियों को रेल के डिब्बे में ही पेय जल उपलब्ध कराया गया।
गो-सेवा : नगर केंद्र पर गो-माता के उपचार के लिए श्री माधव गो-उपचार केंद्र संचालित है। सहायता हेतु अभियान चलाया जाता है। सामाजिक सुरक्षा प्रहार महायज्ञ निमित्त घर-घर सशुल्क 320 दंड वितरीत किए गए। अन्य उपक्रम : श्री राम बस्ती का संचलन निकाला गया। संख्या 145 रही ।
जयपुर में संघ स्वयंसेवकों ने किया सौंदर्यीकरण
चूरू जिला के कांधराण व्यवसायी शाखा की जागरण टोली द्वारा गाँव वासियों के सहयोग से अनेक समाज उपयोगी कार्य किये गए है। सड़क के पक्के निर्माण को भी स्वयं तोड़कर मुख्य मार्ग को 40 फीट चौड़ा किया गया। ग्राम की मुख्य दीवारों पर अमृतवचन, रामायण एवं भागवत की चौपाई और श्लोक व भगवान के चित्र स्वयंसेवकों द्वारा बनाये गए । शिव सरोवर की पूर्ण साफ-सफाई करके पेड़ लगाए गए। ग्राम की होली अब एक साथ सामूहिक मनाई जाती है। 5000 फलदार पौधे लगाये गए। पुराना जर्जर विद्यालय भवन के स्थान पर 9 कक्ष का नया भवन निर्माण हुआ । सड़क में दब चुके मंदिर को लगभग एक करोड़ की लागत से पुनर्निर्मित किया गया ।
हरियाणा में श्रमिक मिलन से सुधरे हालात
पानीपत जिले के आजाद उपनगर की एक शाखा ने अपने क्षेत्र की कूड़ा बीनने वालों की सेवा बस्ती (जोगी बस्ती) में संपर्क, उन घरों में जलपान, वहां के विद्यार्थियों को पढाना, संस्कार केंद्र खोलना, यहाँ आने वाले विद्यार्थियों का आधार कार्ड बनवाना, उनको सरकारी स्कूल में दाखिल करवाना, वहां श्रमिक मिलन शुरू करना प्रारम्भ किया । उस क्षेत्र के सामाजिक अध्ययन से ध्यान आया कि कूड़ा बिनने वाले जब किसी कूड़े के ढेर पर कूड़ा बिनने के लिए जाते थे तो वहां पर कुछ लोग उनसे कूड़ा बिनने की एवज में 100 रुपया लेते थे। अपने कार्यकर्ताओं द्वारा बात करने पर लोगों ने उनसे पैसा लेना बंद कर दिया है। अब उस बस्ती का नाम नालंदा नगर रख दिया है।
मेरठ में घुमंतु जाति के बच्चों के लिए बाल संस्कार केन्द्र प्रारंभ किया
देववृन्द जिले के रामपुर नगर की व्यवसायी शाखा के द्वारा घुमंतु जाति (गाड़िया लुहारों)की बस्ती में सर्वेक्षण किया। अनेक समस्याएं ध्यान में आयी। समाधान हेतु प्रयास प्रारम्भ हुए । 15 बालक बालिकाओं को विद्यालय में प्रवेश कराया। उन्हें कापी, किताब, गर्म कपड़े जूते मोजे, कम्बल वितरित किए गए। 8 व्यक्तियों का आधार कार्ड बनवाया । महाराणा प्रताप बाल संस्कार केन्द्र प्रारंभ किया है।
ब्रज में जागरण टोली ने सुगम बनाया परिक्रमा मार्ग
वृन्दावन जिला में बरसाना ग्राम के श्रीजी शाखा की जागरण टोली द्वारा शाखा क्षेत्र का अध्ययन किया गया। एक समस्या थी कि परिक्रमा मार्ग संकरा था। पहाड़ के रास्ते में श्रद्धालुओं को परिक्रमा में कठिनाई होती थी। 40 स्वयंसेवकों ने समाज की सज्जनशक्ति के 150 बंधुओं को साथ लेकर 12 दिन तक श्रम दान किया। परिक्रमा मार्ग को 4 फीट चौडा करवा कर यात्रा को सुगम बनाया ।
काशी में संघ स्वयंसेवकों ने चलाए नशामुक्ति अभियान
काशी मध्यभाग के लाजपतनगर की विवेकानंद शाखा क्षेत्र में नशे की लत के कारण घरेलू हिंसा की शिकार कुछ महिलाओं द्वारा शाखा में सहायता के लिए संपर्क किया गया । सर्वेक्षण करने पर लगभग 20 परिवार नशे एवं घरेलु हिंसा में लिप्त पाए गए । स्वयंसेवकों द्वारा नशामुक्ति अभियान चलाया गया । काउंसलिंग कर नशा न करने हेतु समझाया गया। परिणामस्वरूप 5 परिवारों में नशा एवं घरेलू हिंसा दोनों से मुक्ती मिली। शाखा क्षेत्र में 10 वर्ष पूर्व तक एक भी पेड़ नहीं था । स्वयंसेवकों द्वारा समाज का सहयोग लेकर वृक्षारोपण तथा उनकी देखभाल की योजना बनी। पूरा क्षेत्र हरा भरा हो गया है एवं चिडियों की चहचहाहट भी सुनाई देने लगी है।
दक्षिण बिहार में बाल संस्कार केंद्र से बदला वातावरण
पटना के राजेंद्रनगर तरुण व्यवसायी शाखा द्वारा सामाजिक अध्ययन करने पर ध्यान में आया कि सेवा बस्ती में अलग अलग एन.जी.ओ. कार्यरत है। जिनके द्वारा हिन्दू विरोधी वातावरण बनाने का कार्य होता था। शाखा के स्वयंसेवकों ने बाल संस्कार केंद्र प्रारम्भ किया। हनुमान चालीसा, सरस्वती वन्दना इत्यादी का पठन होने लगा और धीरे धीरे बस्ती का वातावरण बदलने लगा। बस्ती में हर 15 दिन पर स्वास्थ्य शिविर लगाने से अनेक लोगों को बीमारियों से राहत मिली। सिलाई केंद्र के कारण महिलाओं को रोजगार प्राप्त हुआ । पर्व त्यौहार एकत्रित मनाने से समरसता का भाव भी जगा है।
मध्य बंग में शाखा से हुआ सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन
विष्णुपुर खंड के बाकादह मंडल के कामारपारा गांव के आश्रम पारा व्यवसायिक शाखा के द्वारा एक संपूर्ण वनवासी गांव का सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संभव हुआ है। सर्वेक्षण में महिला पुरुषों में व्यसनाधीनता, कम उम्र में ही शादी कर देना, बच्चों को स्कूल न भेजना जैसी बातें ध्यान में आयी। शाखा ने एक शिशु संस्कार केंद्र प्रारंभ किया। बच्चों को विद्यालय में भेजने के लिए प्रयास किये गए । महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण भी दिया गया। पुरुषों को भी साल पत्ता बनाने का मशीन दिया गया। अभी गाँव में पाठ दान केंद्र चलाए जा रहे है। 150 विद्यार्थी 6 गांव से रोज आते हैं। आस-पास के 18 गाँव में सेवा भारती एवं ग्राम विकास के द्वारा शिशु संस्कार केंद्र चलाए जा रहा है। अब बाल विवाह बंद हुए हैं।
शिवम् दीक्षित एक अनुभवी भारतीय पत्रकार, मीडिया एवं सोशल मीडिया विशेषज्ञ, राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता, और डिजिटल रणनीतिकार हैं, जिन्होंने 2015 में पत्रकारिता की शुरुआत मनसुख टाइम्स (साप्ताहिक समाचार पत्र) से की। इसके बाद वे संचार टाइम्स, समाचार प्लस, दैनिक निवाण टाइम्स, और दैनिक हिंट में विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें रिपोर्टिंग, डिजिटल संपादन और सोशल मीडिया प्रबंधन शामिल हैं।
उन्होंने न्यूज़ नेटवर्क ऑफ इंडिया (NNI) में रिपोर्टर कोऑर्डिनेटर के रूप में काम किया, जहां इंडियाज़ पेपर परियोजना का नेतृत्व करते हुए 500 वेबसाइटों का प्रबंधन किया और इस परियोजना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान दिलाया।
वर्तमान में, शिवम् राष्ट्रीय साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य (1948 में स्थापित) में उपसंपादक के रूप में कार्यरत हैं।
शिवम् की पत्रकारिता में राष्ट्रीयता, सामाजिक मुद्दों और तथ्यपरक रिपोर्टिंग पर जोर रहा है। उनकी कई रिपोर्ट्स, जैसे नूंह (मेवात) हिंसा, हल्द्वानी वनभूलपुरा हिंसा, जम्मू-कश्मीर पर "बदलता कश्मीर", "नए भारत का नया कश्मीर", "370 के बाद कश्मीर", "टेररिज्म से टूरिज्म", और अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले के बदलाव जैसे "कितनी बदली अयोध्या", "अयोध्या का विकास", और "अयोध्या का अर्थ चक्र", कई राष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं।
उनकी उपलब्धियों में देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (2023) शामिल है, जिसे उन्होंने जहांगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपी अंसार खान की साजिश को उजागर करने के लिए प्राप्त किया। यह सम्मान 8 मई, 2023 को दिल्ली में इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र (IVSK) द्वारा आयोजित समारोह में दिया गया, जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल, RSS के सह-प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी, और उदय महुरकर जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिवम् की लेखन शैली प्रभावशाली और पाठकों को सोचने पर मजबूर करने वाली है, और वे डिजिटल, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय रहे हैं। उनकी यात्रा भड़ास4मीडिया, लाइव हिन्दुस्तान, एनडीटीवी, और सामाचार4मीडिया जैसे मंचों पर चर्चा का विषय रही है, जो उनकी पत्रकारिता और डिजिटल रणनीति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
टिप्पणियाँ