महाकुंभ 2025 : महिलाओं की भागीदारी में ऐतिहासिक वृद्धि, आधी आबादी हुई शामिल
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

महाकुंभ 2025 : महिलाओं की भागीदारी में ऐतिहासिक वृद्धि, आधी आबादी हुई शामिल

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में महिलाओं की भागीदारी 40% से अधिक हुई। शोध में सामने आया कि पहली बार ‘विमेन ओनली ग्रुप’ की संख्या बढ़ी। पढ़ें महाकुंभ में नारी शक्ति की ऐतिहासिक भागीदारी और सामाजिक बदलाव पर शोध का विश्लेषण।

by सुनील राय
Feb 20, 2025, 12:42 am IST
in उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

प्रयागराज महाकुम्भ में पहुंचने वालों की संख्या 55 करोड़ को भी पार कर गई है। देश की लगभग आधी आबादी का यहां पहुंचना समाज विज्ञानियों के लिए भी एक विश्लेषण और शोध के लिए प्रेरित करता है। देश में सामाजिक व्यवस्था पर हो रहे परिवर्तन पर अध्ययन करने वाले शीर्षस्थ मंच गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के शोधार्थियों ने अपने शोध में नारी सहभागिता को लेकर जो प्रारम्भिक निष्कर्ष सामने आए हैं वह  मौजूदा समाज की सोच का खाका खींच रही है। संस्थान के निदेशक प्रो बद्री नारायण और  एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह के नेतृत्व में यह शोध चल रहा है।

डॉ. अर्चना सिंह का कहना है कि महाकुम्भ के विभिन्न एंट्री पॉइंट्स और स्नान घाटों पर उनके अध्ययन दल के सदस्य मौजूद हैं जो अभी भी महा कुम्भ आने वाली आबादी के विभिन्न पहलुओं पर उनसे बातचीत कर उनके बिहेवियर और उनकी सोच को समझने का प्रयत्न कर रही है। डॉ अर्चना का कहना है कि महाकुम्भ आ रही आबादी में आधी आबादी की संख्या 40 फीसदी से अधिक है। इसके पूर्ववर्ती कुम्भ के आयोजनों से यह संख्या अधिक है। इसमें नगरीय क्षेत्र से आने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है खासकर 18 से 35 आयु वर्ग से ,जो कई तरह के संकेत दे रही  है।

प्रयागराज महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं में नारी शक्ति की संख्या में इस बार अधिक बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। लेकिन सहभागिता के साथ इसके पीछे के कारक अधिक महत्वपूर्ण हैं। शोध दल की समन्वयक डॉ अर्चना सिंह का कहना है कि इस बार महाकुम्भ में विमेन ओनली ग्रुप की महिलाओं की संख्या अधिक थी जो किसी पुरुष के साथ नहीं बल्कि अकेले आई थी। इसकी वजह एक तरफ अगर उनके शिक्षा की  बेहतर स्थिति है तो वहीं दूसरी तरफ खुद को अब वह अधिक सुरक्षित समझ रही है। प्रदेश में सुरक्षित वातावरण से वह घर से भी निकली है और अपने को व्यक्त भी कर रही है। अभी तक जो घर में पूजा अर्चना तक खुद को सीमित रखती थी अब वो सनातन को भी समझने के लिए आगे आई हैं।

महाकुम्भ अध्ययन दल की इस 17 सदस्यीय टीम के निष्कर्ष में यह भी बात सामने आई है कि अब धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं का दृष्टिकोण भी बदला है। शोध दल की सीनियर फेलो डॉ नेहा राय का कहना है कि महाकुम्भ में अखाड़ों और उनके धर्माचार्यों का दृष्टिकोण भी इस बार नारी शक्ति के प्रति अधिक उदारवादी रहा है। अखाड़ों में महिला श्रद्धालुओं को सम्मान और स्वीकृति भी बढ़ी है। इससे सनातन को समझने में उनकी ललक बढ़ी है। इसी दल की शोध सदस्या डॉ प्रीति यादव का कहना है कि  बहुत सी महिलाओं ने अखाड़ों के साधु संतों और धर्माचार्यों के सामने अपनी जिज्ञासा और अपने विमर्श भी दिए, जिससे साधु संतों को भी सनातन के विस्तार के लिए रास्ता बनाने में आसानी होगी।

Topics: कुंभ मेलाप्रयागराज कुंभ 2025महिला सहभागिता कुंभकुंभ मेला शोधकुंभ में महिलाएंधार्मिक अध्ययनअखाड़ों में महिलाएंसनातन धर्ममहाकुंभ 2025प्रयागराज महाकुंभ
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Azamgarh Tamannah Ghar wapsi in Sanatan dharma

घर वापसी: तमन्ना ने अपनाया सनातन धर्म, प्रेमी संग मंदिर में रचाई शादी

चातुर्मास के दिव्य ज्ञान-विज्ञान को हृदयंगम करें देश के सनातनी युवा

मुरुगा भक्त सम्मेलन में शामिल हुए भक्त

संगठित हिन्दू शक्ति का दर्शन

12 Mslum Adopted sanatan dharma

लखनऊ में 12 मुस्लिमों ने इस्लाम त्याग की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

नवनिर्मित ‘जगन्नाथ धाम’

प्रसाद मंदिर का, बनाने वाले मुसलमान!

मुस्लिम परिवार ने अपनाया सनातन धर्म

घर वापसी: मुस्लिम महिला ने तीन बच्चों संग अपनाया सनातन धर्म

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies