हिंदू राष्ट्र निर्माता छत्रपति शिवाजी महाराज की नींव पर विकसित भारत की आधारशिला
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

हिंदू राष्ट्र निर्माता छत्रपति शिवाजी महाराज की नींव पर विकसित भारत की आधारशिला

स्व के लिए सर्वस्व अर्पित कर छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक स्वतंत्र हिंदू राज्य की स्थापना करने में सफलता प्राप्त की थी

by डॉ. आनंद सिंह राणा
Feb 19, 2025, 07:00 am IST
in भारत
छत्रपति शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सत्रहवीं शताब्दी के समकालीन विश्व में छत्रपति शिवाजी महाराज के समान अद्वितीय प्रतिभा का धनी कोई अन्य व्यक्तिव नहीं हुआ। महान् शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व और चरित्र पर प्रकाश डालते हुए मराठा इतिहासकार सरदेसाई ने लिखा, ” निस्संदेह शिवाजी का व्यक्तित्व अपने ही युग का नहीं बल्कि संपूर्ण आधुनिक युग का भी असाधारण व्यक्तित्व है। अंधकार के बीच में वह ऐसे नक्षत्र के समान चमकते हैं, जो अपने समय से बहुत आगे थे। ”

स्व के लिए सर्वस्व अर्पित कर छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक स्वतंत्र हिंदू राज्य की स्थापना करने में सफलता प्राप्त की थी, वह भी ऐसी परिस्थितियों में जबकि औरंगजेब आलमगीर मुगल साम्राज्य की संपूर्ण विशाल शक्ति को लेकर हिंदू राज्यों को समाप्त करने पर तुला हुआ था। बीजापुर और मुगलों से निरंतर युद्ध करके शिवाजी ने अपनी एक साधारण जागीर को दक्षिण भारत के एक बड़े राज्य में परिवर्तित कर दिया था। इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज को राष्ट्र निर्माता के रूप में शिरोधार्य किया जाता है।

स्व के आदर्श के आलोक में स्वराज से सुराज जैसे शब्दों की अर्थ पल्लवित और पुष्पित हुए। आगे चलकर बरतानिया सरकार के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम में लोकमान्य तिलक ने शिवाजी महाराज का अनुसरण करते हुए यह नारा बुलंद किया कि “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा।”

शिवाजी पहले हिंदू थे, जिन्होंने मध्य युग की बदलती हुई युद्ध की नैतिकता को समझा उनके विरोधी वामपंथी और तथाकथित सेक्यूलर इतिहासकार चाहे उन्हें डाकू कहें चाहे उन्हें विद्रोही सामंत पुकारें और चाहे औरंगजेब ने उनको ‘पहाड़ी चूहा’ कह कर अपनी संतुष्टि कर ली हो, परंतु शिवाजी ने हिंदू युद्ध नीति की नैतिकता में एक नवीन अध्याय जोड़ा, ‘युद्ध जीतने के लिए लड़ा जाता है ना कि शौर्य- प्रदर्शन के लिए’। उन्होंने युद्ध नीति को अमानवीय अनैतिक अथवा शौर्य रहित नहीं बनाया था वरन् समय के अनुकूल उसके लक्ष्य को एक मोड़ दिया था जो उचित और आवश्यक था।

डॉ. जदुनाथ सरकार के अनुसार “आधुनिक समय में भारत में ऐसी कुशलता और जीवन शक्ति का परिचय किसी अन्य हिंदू ने नहीं दिया। अपने उदाहरण से उन्होंने यह सिद्ध कर दिखाया कि हिंदू जाति एक राष्ट्र का निर्माण कर सकती है, शत्रुओं को परास्त कर सकती है, कला और साहित्य की रक्षा कर सकती है, व्यापार और उद्योग की उन्नति कर सकती है, और एक ऐसी नौसेना का निर्माण कर सकती है जो विदेशी नौसेना का मुकाबला करने में समर्थ हो।”

शिवाजी ने अपने आदर्श और जीवन के उदाहरण से हिंदुओं को अपने पूर्ण विकास का मार्ग बताया है। उनकी धार्मिक सहनशीलता आधुनिक समय के लिए भी उदाहरण स्वरूप है। शक्ति और साम्राज्य को संचय करने के पश्चात तथा औरंगजेब द्वारा जाग्रत किए गए धर्मान्धता के वातावरण में भी इस्लाम और मुसलमान के प्रति उनका व्यवहार और मुसलमानों की वफादारी प्राप्त करने में उनकी सफलता अनुकरणीय है। शिवाजी ने निस्संदेह महान् थे।

इतिहासकार सर जदुनाथ सरकार ने लिखा है, ” शिवाजी ने यह सिद्ध कर दिखाया कि हिंदुत्व का वृक्ष वास्तव में गिरा नहीं है वरन् वह सदियों की राजनीतिक दासता, शासन से पृथकत्व और कानूनी अत्याचार के बावजूद भी पुनः उठ सकता है और उसमें नए पत्ते और शाखाएं आ सकती हैं और एक बार फिर आकाश में सर उठा सकता है।” शिवाजी एक महान् शासन प्रबंधक थे। असैनिक और सैनिक दोनों ही प्रकार की शासन व्यवस्था में उन्होंने अद्भुत योग्यता का परिचय दिया।

शिवाजी की अष्टप्रधान व्यवस्था, उनकी लगान व्यवस्था देशपांडे और देशमुख जैसे पैतृक पदाधिकारियों को बिना हटाए हुए उनकी शक्ति और प्रभाव को समाप्त करके किसानों से सीधा संपर्क स्थापित करना, शासन में असैनिक अधिकारियों को महत्व देना तथा ऐसे शासन की स्थापना करना जो उनकी अनुपस्थिति में भी सुचारु रूप से चल सका, ये ऐसी बातें थी जो उनके असैनिक शासन की श्रेष्ठता को सिद्ध करती हैं।

उनकी सैनिक व्यवस्था भी उतनी ही श्रेष्ठ थी घुड़सवार सेना और पैदल सैनिकों में पदों का विभाजन, उनके वेतन को निश्चित करना, उनको ठीक समय से वेतन देना, उनकी भर्ती की स्वयं देखभाल करना, उनको योग्यता अनुसार पद देना आदि सभी कार्य उत्कृष्ट थे। गुरिल्ला युद्ध पद्धति उनकी सफलता के लिए उत्तरदायी थी। किलों की सुरक्षा का प्रबंध और उनके शासन की व्यवस्था शिवाजी की अपनी पृथक विशेषता थी तथा आठ महीने सैनिकों को आक्रमणकारी युद्धों में लगाए रखना उनकी सर्वोत्तम सैनिक शिक्षा थी। इसी कारण 17वीं शताब्दी में शिवाजी की सेवा अजेय बन गई थी।

छत्रपति शिवाजी महाराज के स्व के आदर्श के आलोक में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका अनुसरण कर रहे हैं, उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350 वर्षगांठ के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र के रायगढ़ में अपना संदेश प्रसारित किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था, उन्होंने स्वराज की भी स्थापना और सुराज को भी कायम किया, वो अपने शौर्य के लिए भी जाने जाते हैं और अपने सुशासन के लिए भी, उन्होंने राष्ट्र निर्माण का एक व्यापक विजन भी सामने रखा, उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा, उनके कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतनी प्रासंगिक हैं, उन्होंने भारत के सामर्थ्य को पहचान कर जिस तरह से नौसेना का विस्तार किया वह आज भी हमें प्रेरणा देता है।तदुपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह हमारी सरकार का सौभाग्य है, कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले साल भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी, अंग्रेजी शासन की पहचान को हटाकर शिवाजी महाराज की राजमुद्रा को जगह दी है, इतने वर्ष के बाद भी उनके द्वारा स्थापित किए गए मूल्य हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रहे हैं, इन्हीं मूल्यों के आधार पर हमने अमृत काल के 25 वर्षों की यात्रा पूरी करनी है, यह यात्रा होगी शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने की, यह यात्रा होगी स्वराज, सुशासन और आत्मनिर्भरता की, यह यात्रा होगी विकसित भारत की।

Topics: छत्रपति शिवाजी महाराजहिंदू राष्ट्रशिवाजीमाता जीजाबाईछत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथिहिंदवी स्वराज
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Language dispute

भाषायी विवादों के पीछे विभाजनकारी षड्यंत्र

शिवाजी के दरबार में वरिष्ठ श्रीमंत, सलाहकार थे

हिन्दू साम्राज्य दिवस : हिंदवी स्वराज्य के स्वप्नदर्शी छत्रपति

छत्रपति शिवाजी महाराज

धर्म, स्वराज्य और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक: शिवाजी महाराज

छत्रपति शिवाजी महाराज

शिवाजी का राज्याभिषेक: हिंदवी स्वराज्य की वैधता का ऐतिहासिक उद्घोष

छत्रपति शिवाजी महाराज

शिवाजी और मराठा साम्राज्य: एक वीर योद्धा, कुशल प्रशासक और भारतीय स्वाभिमान के प्रतीक

छत्रपति शिवाजी महाराज

भारतीय इतिहास में शिवाजी का स्थान क्यों है अद्वितीय?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

हिंदू ट्रस्ट में काम, चर्च में प्रार्थना, TTD अधिकारी निलंबित

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

पंजाब: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, पाकिस्तानी कनेक्शन, 280 करोड़ की हेरोइन बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies