लखनऊ । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया है, जिससे देश भर के सनातन प्रेमियों में नाराजगी बढ़ गई है। ममता बनर्जी ने अपने एक कार्यक्रम में कहा कि “महाकुंभ अब महाकुंभ नहीं बल्कि मृत्यु कुंभ में बदल गया है। वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतने बड़े आयोजन में कई लोगों की जान चली गई, फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।”
ममता बनर्जी के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश के साधु-संतों और हिंदुत्व निष्ठ संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। वहीं सोशल मीडिया पर भी उनका विरोध शुरू हो गया है।
साधु-संतों ने जताई नाराजगी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और कई हिंदुत्व निष्ठ संगठनों ने इस बयान पर आपत्ति जताई है। संत समाज ने ममता बनर्जी के इस बयान को सनातन धर्म और हिंदू आस्था का अपमान बताया है।
महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश..?
यह पहली बार नहीं है जब महाकुंभ को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। लालू यादव ने महाकुंभ को पाखंड और दिखावा बताते हुए फालतू कहा था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष की रणनीति महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों को निशाना बनाकर हिंदू आस्था को कमजोर करने की है।
महाकुंभ का महत्व और बढ़ती भीड़
बता दें कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु आकर पुण्य अर्जित करते हैं। इस बार महाकुंभ में भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यवस्थाओं को लेकर कई कदम उठाए हैं। वहीं राम मंदिर और हनुमानगढ़ी में भी लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
संत समाज ने दी चेतावनी
वहीं कई संतों ने कहा कि यदि ममता बनर्जी यदि अपने बयान पर माफी नहीं मांगती हैं, तो उनके खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। संत समाज का कहना है कि यदि हिंदू आस्था पर बार-बार इस तरह के हमले होते रहे, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
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