वाराणसी में लोहता थाना क्षेत्र के कोटवा में 10 फरवरी को पेंटर भैयालाल की हत्या हुई थी। हत्या का खुलासा पुलिस करते हुए पुलिस ने दावा किया कि पेंटर भैयालाल के चार दोस्त अशरफ अली, अब्दुल कादिर, सुल्तान और शकील ने ही हत्या की थी। चारों अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अभियुक्तों ने भैयालाल से और शराब मंगाने के लिए कहा था। भैयालाल ने शराब मंगाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद चारों ने मिलकर भैयालाल को जमकर लात घुसों से पीटा। उसके बाद गढ्ढे में भैयालाल को धक्का दे दिया। सिर दीवार की ईंट से टकरा गया और भैयालाल की वहीं पर मौत हो गई। इसके बाद चारों अभियुक्तों ने शव को शराब डालकर जला दिया और मौके से फरार हो गए।
डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया कि 11 फरवरी को लोहता के कोटवा गांव में शव बरामद हुआ था। शव अधजला था। परिजनों के द्वारा पहचान के बाद पुलिस की टीम सक्रिय हुई। अभियुक्तों की तलाश में कई स्थानों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए। पुलिस ने काफी प्रयास के बाद चारों अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में अभियुक्तों नेभैयालाल की हत्या के सभी राज खोल दिए।
अशरफ ने बताया कि मृतक भैयालाल, अब्दुल, सुल्तान और शकील हम सभी रोजाना एक साथ बैठकर देशी शराब पीते थे। 10 फरवरी को भी बरकत शाह मजार के पास हम सभी शराब पी रहे थे। भैयालाल को मजदूरी के 500 रुपए मिले थे। हम सभी नशे में थे और भैयालाल से और शराब मंगाने की मांग कर रहे थे। लेकिन भैयालाल ने मना कर दिया। हम सभी को गुस्सा आ गया। पहले उसकी जमकर पिटाई की गई और फिर उसको गढ्ढे में धक्का दे दिया गया। दीवार में सिर टकराने से उसकी मौत हो गई।
कुछ देर बाद हम लोग उसके शव को गढ्ढे से बाहर निकाल कर मुबारक अली के घर के पीछे सरसों के खेत में ले गए। वहां पहचान छिपाने की नीयत से शराब डालकर शव को आग लगा दिया गया। हम सभी को लगा था कि पुलिस मुबारक अली पर ही हत्या का शक करेगी।
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