महाकुंभ प्रयागराज में दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ 29 जनवरी को तड़के 2.00 बजे के आसपास मची। माननीय प्रधानमंत्री को प्रात लगभग 3.00 बजे इस दुखद घटना के बारे में सूचित किया गया था। इसके बाद उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी से सुबह करीब 8.00 बजे तक चार बार बात की। मुझे यकीन है कि ये सभी बातचीत लंबी थी और पीएम मोदी ने भगदड़ में घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने की आवश्यकता के बारे में सीएम को निर्देश दिया और आगे काम आने वाली हिदायतें दी । मेला प्रशासन प्रयागराज को इस बात का श्रेय जाता है कि स्थिति को जल्द ही सामान्य स्थिति में बहाल कर दिया गया।
अब हम कुछ बातों पर ध्यान देते हैं। सबसे पहले, हमारे पास एक ऐसे प्रधान मंत्री हैं जिन्हें रात की गहरी नींद के असहज समय में 2.00 बजे या 3.00 बजे जगाया जा सकता है। दूसरा, इसका मतलब है कि हमारे पास एक सुलभ और योग्य प्रधानमंत्री है, जिसके पास कभी भी पहुंचा जा सकता है। यह एक ऐसा तथ्य है जो उनके मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, नौकरशाहों, निजी कर्मचारियों या यहां तक कि वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी पता है। मैं पक्के तौर पर कह सकता हूँ कि हमारे मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कोई ऐसा नेता नहीं है जिन तक ऐसे विषम समय पर पहुंचा जा सकता है। तीसरा, अगर यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना गैर-भाजपा शासित राज्य में हुई होती, तो भी पीएम की प्रतिक्रिया वही रहती। चौथा, हमारे प्रधानमंत्री दुर्घटना या आकस्मिक आपदा होने के बाद आगे की सोचते हैं और बचाव कार्य में सहायता प्रदान करते हैं। पांचवां, वह तुरंत आवश्यक सुधार का आदेश देते हैं और उसका लेखा जोखा भी लेते हैं ।
अब 29 जनवरी के दिन पीएम मोदी के दिन भर के कार्यक्रम और अन्य कार्य पर नजर डालते हैं। भगदड़ का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी ने दिल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित किया, जिसमें उनका कम से कम दो घंटे का समय लगा। दोपहर में मोदी विजय चौक पर सैन्य और अर्धसैनिक बैंड की सिम्फनी ‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में फिर से पीएम के दो घंटे से अधिक का समय लगा । शाम को, उन्होंने कैबिनेट की एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें सरकार ने 34,300 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन को मंजूरी दी। बाद में उन्होंने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की अध्यक्षता की, जिसने भारतीय सेना के पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए।
मैंने अभी-अभी पीएम मोदी के मुख्य कार्यक्रमों को शामिल किया है जैसा कि मीडिया में रिपोर्ट किया गया है। मुझे यकीन है कि पीएम मोदी ने उस दिन कई अन्य प्रतिबद्धताओं में भाग लिया। उन्हें कर्मचारियों द्वारा ब्रीफ किया गया होगा, पत्राचार का अध्ययन किया होगा और फाइलों को भी मंजूरी दी होगी। इतने दशकों तक सेना में काम करने के बाद, मुझे पता है कि ऐसी सभी गतिविधियों में समय लगता है और यह आपको थका देते हैं। किसी भी कम व्यक्ति ने भगदड़ के कारण दिन के कार्यक्रमों को कम या पुनर्निर्धारित किया होगा। लेकिन हमारे पीएम मोदी ऐसे नेता नहीं हैं । भारत और हम भारतीय वास्तव में धन्य हैं कि भारत देश को श्री नरेंद्र मोदी जैसा कर्मठ प्रधानमंत्री मिला है।
राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, नई दिल्ली के प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में, मैंने वर्ष 2015 में गुजरात राज्य का दौरा किया। यात्रा के दौरान मुझे विशेष रूप से ‘गुजरात मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था। ‘गुजरात मॉडल ऑफ गवर्नेंस’ श्री मोदी की सोच थी जिससे गुजरात का सर्वांगीण विकास तेजी से हुआ। पीएम मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वह गैर-कांग्रेसी पृष्ठभूमि से सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले पीएम हैं। हमने गुजरात राज्य में दूर-दूर तक यात्रा की और विकास की एक अलग छाप देखी, विशेष रूप से हर जगह ग्रामीण विकास की तस्वीर मिली । यह मॉडल कई सर्वोत्तम प्रथाओं की पेशकश करता है जिन्हें अन्य राज्य सरकारों और केंद्र में भी आत्मसात किया गया है। लेकिन मेरे लिए सबसे विशिष्ट बात यह थी कि श्री नरेंद्र मोदी ऐसी प्रणालियों के निर्माण में विश्वास करते हैं जो हर समय परिणाम देती हैं, चाहे कोई भी व्यक्ति या नेता सत्ता में हों ।
अपने सैन्य करियर में, विशेष रूप से वरिष्ठ रैंक में, मैंने ऐसी प्रणालियों, प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल और बुनियादी ढांचे को स्थापित करने की कोशिश की जो हमारी भारतीय सेना को मजबूत और अधिक दृढ़ बनाती है। रिकॉर्ड समय में और कई बार समय से पहले परियोजनाओं को पूरा करने की उनकी जिद ने वास्तव में मुझ पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनकी सोच की स्पष्टता प्रेरणादायक है। 24 घंटे से भी कम समय में, महाकुंभ में वीवीआईपी संस्कृति को खत्म कर दिया गया है, भक्तों के प्रबंधन की समीक्षा की गई है और भीड़ नियंत्रण को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। इस तरह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक नया भारत मानवता और विश्व का सबसे बड़ा समागम महाकुंभ आयोजित करता है, वह भी 45 दिनों की लंबी अवधि में।
भारत सौभाग्यशाली था कि जब कोविड-19 महामारी, दुनिया और भारत में 2020-2023 तक मानवता के लिए सबसे खतरनाक खतरा बना हुआ था, तब श्री मोदी के रूप में भारत देश के पास एक शक्तिशाली और गतिशील प्रधानमंत्री था । यह किसी चमत्कार से कम नहीं था कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश कोविड-19 महामारी से सफलतापूर्वक बाहर आया, और जिसमें न्यूनतम संभव जीवन का नुकसान हुआ। 100 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण अभियान अपने आप में एक मिसाल है। यह साबित करता है कि पीएम मोदी में हर विपरीत स्थिति में देश को बाहर निकालने और सफल कराने की दुर्लभ क्षमता है।
मैंने कभी भी विफलता होने पर पीएम मोदी को शिकायत करते या कोसते हुए नहीं देखा है। दर असल, वह वास्तविक विफलता के मामले में आगे बढ़ कर प्रोत्साहित करते हैं। याद कीजिए, जब विक्रम लैंडर सितंबर 2019 में चंद्रमा की सतह को छूने में विफल रहा था, लेकिन पीएम मोदी ने रोते हुए इसरो प्रमुख के सिवन को गले लगाया और उन्हे सांत्वना दी। अभी हाल ही में, जब भारतीय क्रिकेट टीम नवंबर 2023 में विश्व कप का फाइनल हार गई, तो पीएम मोदी ने ड्रेसिंग रूम में जाकर प्रोत्साहन के अपने शब्दों से हतोत्साहित टीम को सांत्वना दी। इसलिए, पीएम मोदी के पास परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण है, लेकिन मानवीय स्पर्श के साथ। वह 140 करोड़ भारतीयों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए सक्षम वातावरण बनाने में दृढ़ता से विश्वास करते हैं।
मुझे उम्मीद है कि दिल्ली के लोग सुन रहे हैं। दिल्ली को नरेंद्र मोदी शैली के शासन और हर जगह, हर समय, सुनिश्चित कामकाजी मॉडल के पूर्ण समर्थन की आवश्यकता है। भारत को नई दिल्ली में एक विश्व स्तरीय राजधानी की आवश्यकता है जो विकसित भारत @2047 की आकांक्षाओं के अनुकूल हो। जय भारत!
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