सनातन आस्था के प्रतीक प्रयागराज महाकुंभ-2025 के लिए प्रदेश सरकार ने युद्ध स्तर पर तैयारियां की हैं। 13 जनवरी से कड़ाके की ठंड के बीच शुरू हो रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं को पॉवर की समस्या का सामना नहीं करना पड़े इसका खासा ध्यान रखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि 4000 हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में फैले महाकुंभ को रौशन रखने के लिए करीब 85 सब स्टेशन बिजली विभाग ने लगाए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महाकुंभ को इलेक्ट्रिफाई करने के लिए विद्युत विभाग की ओर से महाकुंभ क्षेत्र में कुल 52,000 खंबे, 312 ट्रांसफॉर्मर, 70,000 एलईडी लाइट और 2016 सोलर हाईब्रिड लाइटों का इस्तेमाल किया गया है। इन 312 ट्रांसफॉर्मरों में से 14 तो केवल धार्मिक अखाड़ों को बिजली सप्लाई करने का काम करेंगे। बिजली विभाग का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में प्रति दिन 2 लाख यूनिट बिजली खर्च होगी।
करीब 45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ के दौरान 30 करोड़ रुपए से अधिक की बिजली खपत का अनुमान अधिकारियों ने लगाया है। इसके अलावा बिजली में किसी भी तरह की कमियों और सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाए रखने के लिए बिद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता, उपमंडल अधिकारी और जूनियर इंजीनियरों समेत करीब 5000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है। ये कहना है महाकुंभ के अधीक्षण अभियंता मनोज गुप्ता का।
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बताया जा रहा कि अक्तूबर में तैयारियां शुरू की गई थीं। सभी तारों को अंडरग्राउंड तरीके से लगाया गया है। किसी भी प्रकार की खामियों से निपटने के लिए विकल्प के तौर पर 15 स्विचगियर यूनिट भी स्थापित किए गए हैं। महाकुंभ में बिजली विभाग वाणिज्यिक दरों से बिजली का आपूर्ति करेगा। हालांकि, इस दौरान अखाड़ों, टेंट औऱ दूसरे स्टैब्लिशमेंट को मुफ्त में बिजली दी जाएगी।
बिजली कनेक्शन से अब तक कमाए 5 करोड़
अभी महाकुंभ शुरू होने में समय है, लेकिन श्रद्धालु वहां पहुंच रहे हैं। इस बीच बिजली विभाग ने दावा किया है कि अब तक उसने व्यापारिक प्रतिष्ठानों यानि कि मेले में दुकान लगाने वालों से 5 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। उल्लेखनी है कि इस बार महाकुंभ में करीब 1.6 लाख टेंट और 50,000 दुकानें लगाई जाएंगी।
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