कथित देशद्रोह के मामले में बांग्लादेश की मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार के द्वारा गिरफ्तार किए गए ISCKON भिक्षु चिन्मय कृष्ण प्रभु को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। हालात ये हो गए हैं कि जेल में बंद इस्कॉन संत से मिलने की कोशिश करने वाले लोगों को भी उनसे मिलने तक नहीं दिया जा रहा है।
सोशल मीडिया हैंडल हिन्दू वॉयस की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को 7 संतों और भिक्षुओं का एक दल चिन्मय कृष्ण प्रभु से मिलने के लिए छत्रग्राम जिले के जिला कारागार में गया था, लेकिन वहां के जेलर मोहम्मद इकबाल हुसैन ने साधुओं को उनसे मिलने की इजाजत ही नहीं दी। बताया जाता है कि ये संत तीन घंटे तक जेल की वेटिंग एरिया में इंतजार करते रहे कि शायद उन्हें 10 मिनट के लिए ही मिलने का समय दे दिया जाय। लेकिन तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद इन संतों को बिना मिले ही वापस लौटना पड़ा।
मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली इस्लामिक सरकार की इस ओछी हरकत का चिन्मय कृष्ण दास के संगठन ‘बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोते’ ने कड़ी निंदा की है।
वहीं कट्टरपंथी सरकार की इस हरकत पर एक्स ‘हैंडल वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिन्दू’ ने आरोप लगाया कि ये चिन्मय कृष्ण दास को छत्रग्राम जेल में मारने की साजिश है। जेल अधीक्षक चिन्मय प्रभु को संतों से मिलने नहीं दे रहा है, जबकि उन्हें पुलिस प्रशासन से अनुमति मिल चुकी है। इसका अर्थ तो यही है कि जेल में उनके साथ कुछ बुरा हो रहा है।
इस पर आशिम देती नाम के यूजर ने कहा कि बांग्लादेश में कोई सरकार नहीं है और कोई जिम्मेदारी भी नहीं है। यह भारतीय विदेश नीति की विफलता है। बांग्लादेश की स्थिति सीरिया जैसी है। भारत को भी इजरायल द्वारा सीरिया के साथ किए गए ऐसे ही कार्यों पर विचार करना चाहिए, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। यूजर ने आगे कहा कि उन्होंने बहुत पहले से ही इसकी योजना बना ली थी। उन्हें पता है कि इस साधु की हत्या से बांग्लादेश और भारत में अशांति फैल जाएगी और दंगे भड़क उठेंगे, इसलिए आईएसआई के अनुसार चिन्नय एक बड़ा लक्ष्य है। आईएसआई को अच्छी तरह पता है कि किसी भी देश में दंगा कैसे फैलाया जाता है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश की मुस्लिम कट्टरपंथी सरकार के संरक्षण में हिन्दुओं पर किए जा रहे हमले का विरोध कर रहे चिन्मय कृष्ण प्रभु को चटगांव के लालदीघी मैदान में रैली के दौरान कथित तौर पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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