बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार लगातार हिन्दुओं को टार्गेट कर रही है। हिन्दुओं के घर जलाए जा रहे हैं। उन पर खुलेआम हमले किए जा रहे हैं। यहीं नहीं हिन्दू शिक्षकों या हिन्दू अन्य कर्मचारियों से सरकार जबरन इस्तीफा ले रही है। ताजा मामला ढाका से है, जहां प्रोफेसर सुवामोय दत्ता से इस्लामवादियों ने जबरदस्ती इस्तीफा ले लिया।
एक्स हैंडल ‘हिन्दू वॉयस’ की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित प्राइमेसिया यूनिवर्सिटी की है। डॉ सुवामोय दत्ता इस विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वाइस चांसलर और वीसी आरडी थे। उन्हें इस्लामवादियों ने इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि, ये कोई पहली घटना नहीं है, जब बांग्लादेश में इस प्रकार की वारदात को अंजाम दिया गया हो। करीब एक माह पहले भी ढाका विश्वविद्यालय के एक हिन्दू प्रोफेसर को घेरकर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनसे जबरन इस्तीफा लिखवा लिया था।
5 अगस्त को शेख हसीना वाजेद की सरकार के तख्तापलट के साथ ही बीएनपी की अगुवाई में कट्टरपंथी अंतरिम सरकार ने हिन्दुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया। केवल 5 अगस्त से सितंबर तक की ही बात की जाए तो वहां पर 50 से भी अधिक शिक्षकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया था। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब बांग्लादेश छात्र ऐक्य परिषद (यह एक हिन्दू बौद्ध ईसाई एक्य परिषद का छात्र संगठन) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
वहां अब तक सैकड़ों की संख्या में हिन्दू कर्मचारियों को निशाना बनाया गया। उन्हें धमकियां देकर उनसे जबरन इस्तीफे लिए गए जा चुके हैं।
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