नई दिल्ली । बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने मानवता और लोकतांत्रिक मूल्यों को गहरा आघात पहुंचाया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) ने इन घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए न्याय की मांग की और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए अभियान शुरू किया है। मंच ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ चुप्पी नहीं साधी जाएगी।
इसके साथ ही मंच ने सम्भल में हुई हिंसा और मौत के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की गंदी राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है। मंच ने सम्भल और अजमेर के मामले में लोगों से शांति सद्भाव सौहार्द्र बनाए रखते हुए संविधान और न्यायपालिका पर विश्वास बनाए रखने की अपील की है।
मंच ने मांग की कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालकर मंदिरों और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले रुकवाए। बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार हनन को वैश्विक मंचों पर उठाया जाए। प्रभावित हिंदू परिवारों को मानवीय सहायता प्रदान की जाए।
एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने बताया कि 10 दिसंबर से मंच अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के मौके पर मानवाधिकार सप्ताह मनाएगा। इस दौरान देशभर में मंच विरोध प्रदर्शन करेगा, जिसका उद्देश्य न केवल पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करना है, बल्कि इस गंभीर समस्या को वैश्विक स्तर पर उजागर करना भी है।
नई दिल्ली के पहाड़गंज स्थित मंच के कार्यालय कलाम भवन में सोमवार देर रात तक चली बैठक में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने विभिन्न ज्वलंत मुद्दे पर गहन चिंतन किया। बैठक में मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर, डॉक्टर माजिद तालिकोटी, शालिनी अली, सैयद रजा हुसैन रिजवी, गिरीश जुयाल, इमरान चौधरी, हाफिज साबरीन, शाकिर हुसैन, विराग पांचपीर, फारूक खान, ठाकुर राजा रईस, एसके मुद्दीन, अबु बकर नकवी, शाहिद सईद, अल्तमश बिहारी, इरफान अली पीरजादा समेत अनेक प्रमुख सदस्यों ने भाग लिया।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने सम्भल में हुई हिंसा के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। मंच का आरोप है कि सपा और कांग्रेस ने चुनावों में अपनी हार की खीज उतारने के लिए लोगों को भड़काया, अफवाहें फैलाईं, और दंगे की साजिश रचकर शहर को हिंसा की आग में झोंक दिया। मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने इस घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त की और लोगों से अपील की है कि वे अमन, शांति, सद्भाव और सौहार्द्र बनाए रखें। उन्होंने संविधान और न्यायपालिका के प्रति सम्मान बनाए रखने का संदेश दिया ताकि समाज में शांति और स्थिरता बनी रहे।
सौजन्य – सिंडिकेट फीड
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