मोदी ब्राजील की अध्यक्षता वाले इस जी-20 शिखर सम्मेलन के ‘सामाजिक समावेशन एवं भूख व गरीबी के विरुद्ध संघर्ष’ विषय पर रखे गए सत्र में अपने मन की बात रख रहे थे। इस मौके पर मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक शासन के विभिन्न संस्थानों में सुधार होना वक्त की जरूरत है। उनके अनुसार, इसका उदाहरण था नई दिल्ली सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता देकर ग्लोबल साउथ को महत्व देना।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक संदर्भों में अपनी कूटनीतिक समझ के लिए विख्यात हैं। ब्राजील में चल रहे जी20 शिखर सम्मेलन में सम्मिलित हो रहे प्रधानमंत्री मोदी ने वहां न सिर्फ दुनिया के विभिन्न शीर्ष नेताओं के बीच भारत का मान बढ़ाया है बल्कि यह सिद्ध किया है कि भारत की बात सुने बिना कोई वैश्विक नीति नहीं बनाई जा सकती। वैश्विक नेताओं के सामने मोदी ने ग्लोबल साउथ की बात पूरी मुखरता से रखी और इस क्षेत्र की पीड़ा पर ध्यान देने की महत्ता रेखांकित की।
जी20 सम्मेलन में अपना वक्तव्य रखते हुए मोदी ने साफ कहा कि ग्लोबल साउथ को अनदेखा नहीं किया जा सकता। कोई भी चर्चा तब तक कामयाब नहीं मानी जा सकती जब तक कि उसमें इस क्षेत्र की दिक्कतों का संदर्भ न लिया जाए। हमें ग्लोबल साउथ का दर्द समझना ही होगा।
मोदी ब्राजील में चल रहे इस सम्मेलन में उस देश के शीर्ष नेता के रूप में वैश्विक नेताओं को संबोधित कर रहे थे जो जी20 का पिछला अध्यक्ष रहा है। मोदी की अगवानी करते हुए उनसे सबसे पहले मिले ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को मोदी ने शुभकामनाएं दीं। शुभकामनाएं इसलिए क्योंकि ब्राजील ने नई दिल्ली में गत वर्ष सम्पन्न जी20 सम्मेलन में जो जनसामान्य को ध्यान में रखकर निर्णय लिए गए थे उन्हें इस सम्मेलन में आगे विस्तार दिया है।
मोदी ने नई दिल्ली समिट के मूल मंत्र-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य—को ब्राजील सम्मेलन के लिए भी प्रासंगिक बताते हुए अपील की कि यह भाव रखकर ही सार्थक वार्ता संभव है। उन्होंने सबका ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि यह ग्लोबल साउथ ही है जिस पर वैश्विक तनावों का सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। इसलिए आवश्यक है कि इस क्षेत्र की परेशानियों और जरूरतों पर सबसे पहले गौर किया जाए।
भारत के प्रधानमंत्री ने खाद्य, ईंधन तथा उर्वरक संकटों की तरफ ध्यान खींचते हुए कहा कि ये दुनिया में चल रहे तनाव और संघर्षों की वजह से हैं और इन संकटों का सबसे खराब असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। भारत ने नई दिल्ली शिखर सम्मेलन का मूल मंत्र ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ इसी दृष्टि से रखा था जिसे ब्राजील में विस्तार मिलना एक सुखद बात है।
मोदी ब्राजील की अध्यक्षता वाले इस जी-20 शिखर सम्मेलन के ‘सामाजिक समावेशन एवं भूख व गरीबी के विरुद्ध संघर्ष’ विषय पर रखे गए सत्र में अपने मन की बात रख रहे थे। इस मौके पर मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक शासन के विभिन्न संस्थानों में सुधार होना वक्त की जरूरत है। उनके अनुसार, इसका उदाहरण था नई दिल्ली सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता देकर ग्लोबल साउथ को महत्व देना।
भारत के मत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील की उस पहल का स्वागत किया जो दुनिया में भूख एवं गरीबी के खिलाफ एक वैश्विक गठजोड़ बनाने की बात करती है। उन्होंने कहा यह बहुत संतोष की बात है कि सतत विकास के तय किए लक्ष्य पाने को महत्व दिया गया है। समावेशी विकास, महिलाओं का नेतृत्व प्रगाढ़ करने तथा युवाओं की ताकत पर गौर किया जाना सुखद है।
ब्राजील में चल रहा 19वां जी-20 शिखर सम्मेलन आज समाप्त होगा। लेकिन उससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी अनेक वैश्विक नेताओं के साथ सौहार्द भेंट कर चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा व अन्य कई नेताओं से विभिन्न वैश्विक मुद्दो पर चर्चा की।
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