'जज और वकील पहले अपने बच्चों को मदरसों में भेजें' : यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भड़के लोग
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‘जज और वकील पहले अपने बच्चों को मदरसों में भेजें’ : यूपी मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भड़के लोग

लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए पूछा कि "आखिर कब तक धर्म के नाम पर देश को बांटा जाएगा.?

by SHIVAM DIXIT
Nov 5, 2024, 07:48 pm IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नई दिल्ली । मंगलवार, 5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए यूपी मदरसा एक्ट की संवैधानिकता को बरकरार रखा गया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं। कुछ यूजर्स ने इस फैसले की आलोचना की तो कुछ ने इसका समर्थन किया, जिससे इस मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चाएं गरम हो गईं।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : यूपी मदरसा एक्ट की वैधता बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए इसे राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्रदान करने योग्य बताया। इसके साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि यूपी सरकार राज्य में मदरसों को प्रतिबंधित नहीं कर सकती है, जो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटने वाला निर्णय है।

सोशल मीडिया पर बंटी प्रतिक्रियाएं

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ‘एक्स’ पर यूजर्स ने कई टिप्पणियां कीं। एक यूजर ने लिखा, “अगर यूपी मदरसा एक्ट वाजिब है तो जज और वकील पहले अपने बच्चों को मदरसों में भेजें और फिर गरीब अनपढ़ मुस्लिम बच्चों को भेजें। अगर यह इतना अच्छा है तो इसे सभी के लिए अनिवार्य क्यों नहीं कर दिया जाता?”

#UPMadarsaAct वाज़िब है तो जज और वकील पहले अपने बच्चों को मदरसे में दाखिला दें फ़िर ग़रीब अनपढ़ मुस्लिम बच्चों को भेजे। #india के मुस्लिम राजनेता और अमीर वर्ग के बच्चे भी मदरसा नहीं जाते तो क्यों न इसे एक्ट के साथ अनिवार्य कर दिया जाय👍 @abp @aajtak @myogiadityanath #madarsa pic.twitter.com/BYKrxIA7UZ

— RAJU N. SAHA (@rajunandansaha) November 5, 2024


एक अन्य यूजर ने लिखा, “सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अब यूपी सरकार राज्य में मदरसा बंद नहीं कर सकती। लेकिन अगर यूपी सरकार मदरसा एक्ट 2004 में बदलाव करती है तो स्थितियां बदल सकती हैं।”

Now UP government can’t ban madarsa in UP as per SC but if UP government change the madarsa act 2004 then things can be different 🌚#UPSarkar #YogiAditynath @myogioffice

— Sugam Pokhrel (@SugamPok123) November 5, 2024


इस बयान से यह संकेत मिलता है कि कुछ लोग चाहते हैं कि मदरसों के संबंध में अधिक सुधार किए जाएं।

समान शिक्षा की मांग
कुछ यूजर्स ने समान शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता पर जोर दिया। एक यूजर ने तीखे शब्दों में कहा, “आखिर कब तक धर्म के नाम पर देश को बांटा जाएगा? क्या भारत के हर नागरिक को समान शिक्षा का अधिकार नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक शिक्षा की अनुमति क्यों दी?”

आखिर कब तक इस देश में धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जाएगा। क्या भारतीय समान शिक्षा के अधिकारी भी नहीं है ? आखिर सुप्रीम कोर्ट ने मदरसे को चलने की अनुमति क्यों दी? क्या धार्मिक शिक्षा से ही देश का विकास होगा या डी वाई चंद्रचूड़ सहानुभूति लेना चाहते हैं। pic.twitter.com/BZXbIEll30 pic.twitter.com/ZiobZ4X2h1

— MANAGE MIND TV.⛳⛳⛳ (@RajnathC20190) November 5, 2024


इस प्रकार के सवालों ने यह संकेत दिया कि लोग शिक्षा के क्षेत्र में धार्मिक आधार पर विभाजन से असंतुष्ट हैं और समान शिक्षा की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं।

जहां एक ओर कुछ यूजर्स इस फैसले से असंतुष्ट नजर आए, वहीं कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन करते हुए दिखे। एक यूजर ने लिखा, “दिल गार्डन गार्डन हो गया… सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट की वैधता को बरकरार रखा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पलट गया है।”

दिल गार्डन गार्डन हो गया 🤣
*सुप्रीम कोर्ट ने UP मदरसा एक्ट की वैधता बरकरार रखी:* इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पलटा; पिछली सुनवाई में CJI बोले थे- जियो और जीने दो https://t.co/4LfcOcY8GY pic.twitter.com/w36xi9TslX

— Mo Hammad gazi (@hammad_gaz93125) November 5, 2024


इस यूजर ने फैसले को “जियो और जीने दो” की भावना का परिचायक बताया।

समान शिक्षा बनाम धार्मिक शिक्षा का मुद्दा

इस फैसले ने समान शिक्षा और धार्मिक शिक्षा के बीच की बहस को फिर से तूल दे दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि धार्मिक शिक्षा का समर्थन देश की प्रगति में बाधा बन सकता है, जबकि अन्य लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के रूप में देख रहे हैं।

Topics: सुप्रीम कोर्ट का फैसलासोशल मीडिया प्रतिक्रियाएंयूपी मदरसा एक्टUP Madrasa ActSocial Media ReactionsSupreme Court's decisionuniform education systemmadrasa education disputeSupreme Court madrasa validityसमान शिक्षा प्रणालीइलाहाबाद हाईकोर्टमदरसा शिक्षा विवादAllahabad High Courtसुप्रीम कोर्ट मदरसा वैधता
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