बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार लगातार हिन्दू अल्पसंख्यकों पर कार्रवाइयां कर रही है। आम आदमी तो छोड़ो वहां पर सरकारी नौकरी करने वाले अल्पसंख्यकों को भी अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। अलग-अलग बहाने से कट्टरपंथी सरकार हिन्दुओं को नौकरी से बर्खास्त कर रही है। वॉयस ऑफ बांग्लादेश की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 100 से अधिक हिन्दू पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।
सोशल मीडिया पर सवाल किया जा रहा है ‘आखिर इनका अपराध क्या था? ये कि केवल वे हिन्दू थे।’ इसके साथ ही देश की अंतरिम सरकार के सलाहकार को ‘यूनुस हत्यारा’ करार दिया गया है।
इसी क्रम में रघुनंदन दा नाम के यूजर ने इस घटना को लेकर टिप्पणी की कि 1.7 करोड़ अल्पसंख्यकों के साथ आप क्या कर रहे हैं, सिर्फ 5 लाख मंत्रालयों को प्रशिक्षित करें और हर संस्था पर हर दिन, हर हफ्ते इतना हमला करें कि वो खुद आपको मानवाधिकार दें और अलग देश की मांग करें।
एनॉनिमस नाम के यूजर ने कहा, “बांग्लादेश में पूर्ण पैमाने पर जनसंहार की तैयारी है। पुलिस और सेना का सफाया पहला कदम है।”
नैनो नाम का यूजर कहता है, “जिहादी उन लोगों का सफाया कर रहा है, जिन्हें वह हसीना का वफादार मानता है…।”
गौरतलब है कि बांग्लादेश इस्लामिक कट्टरपंथ का नजारा उस वक्त देखने को मिला था जब नवरात्र के दौरान ढाका, चिटगांव समेत बांग्लादेश के कई स्थानों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला किया था। हिन्दुओं को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया था।
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