बांग्लादेश में हुआ छात्र आंदोलन आपको याद तो होगा ही, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों की बेरहमी से हत्या इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कर दी थी। कहने को तो वो छात्रों के द्वारा शुरू किया गया भेदभाव विरोधी आंदोलन था, लेकिन असल में ये सब तख्तापलट के इरादे से किया गया था। अब तख्तापलट के कई माह के बाद बांग्लादेश की सरकार ने इस बात का खुलासा किया है कि जुलाई और अगस्त में हुए छात्र आंदोलन में 737 लोगों की मौत हुई थी।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां बेगम ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने इस बात को भी माना है कि अब तक मृतकों की लिस्ट अंतिम लिस्ट नहीं है। जानकारियों को अभी भी सत्यापित किया जा रहा है। हिंसा के दौरान घायल होने के बाद जिन लोगों की मौतें हुई थीं, उनकी जानकारियों को अभी भी वेरिफाई किया जा रहा है। नूरजहां बेगम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में एक ब्रीफिंग दे रही थीं, उसी दौरान उन्होंने इस बात का खुलासा किया।
इसे भी पढ़ें: US: 25 मौलवियों ने मुसलमानों से डोनाल्ड ट्रंप को हराने की अपील, गाजा हमले पर रोए, हमास के नरसंहार का जिक्र तक नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां का कहना है कि 24 सितंबर को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाली एमआईएस वेबसाइट पर 708 लोगों के नामों की लिस्ट को जारी किया गया था। उन्होंने ये भी बताया कि सभी मृतकों की जानकारियों को निजी और सरकारी अस्पतालों से मिले डाटा के आधार पर तैयार किया गया है, लेकिन अभी तक ये पूरा नहीं हो सका है। कुछ ऐसी भी मौतें है, जहां मृतक के रिश्तेदार पुलिस की झंझट से बचने के लिए बिना पोस्टमार्टम के ही शवों को लेकर चले गए थे।
इसे भी पढ़ें: भारत की ताकत पहचान मोदी से आकर मिले मालदीव के मुइज्जू, हिन्द महासागर पर भारतीय मत के समर्थन में उतरा टापू देश
गौरतलब है कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि 16 जुलाई से 4 अगस्त के बीच हुई हिंसा में कुल 400 जानें गई थीं, जबकि 5 औऱ 6 अगस्त को हुई हिंसा में करीब 250 लोगों की मौत हो गई थी।
Leave a Comment