नई दिल्ली । कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर पर बेहद विवादास्पद बयान दिया। राव ने कहा कि दामोदर, जो एक चितपावन ब्राह्मण थे मांस खाते थे और गायों की हत्या के खिलाफ नहीं थे। उनके इस बयान की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना ने कड़ी निंदा की है।
राव ने बेंगलुरु में एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के दौरान यह विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘सावरकर एक नॉन-वेज खाने वाले थे और उन्होंने मांस खाने का प्रचार भी किया।’ उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर ने गायों की हत्या का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर की कट्टरपंथी विचारधारा भारतीय संस्कृति से काफी अलग थी। भले ही वह राष्ट्रवादी थे। इस बयान को लेकर भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि यह हमेशा से हिंदुओं को लक्षित करने वाली पार्टी रही है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी के नेताओं ने कभी भी उन कठिनाइयों का सामना नहीं किया जो सावरकर ने अंग्रेजों द्वारा कारावास के दौरान झेली थीं। चुघ ने कहा, “जिस पार्टी के किसी भी नेता को कभी ‘काले पानी की सजा’ (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आजीवन कारावास) नहीं मिली, वह उस व्यक्ति का अपमान कर रही है जिसे सेलुलर जेल में दोहरी आजीवन कारावास की सजा दी गई।” उन्होंने राव की टिप्पणियों को “दुर्भाग्यपूर्ण, अपमानजनक और अत्यधिक निंदनीय” बताया। चुघ ने कहा, “देश में क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत रहे वीर सावरकर का अपमान करना चांद पर थूकने के समान है।”
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस से पूछा कि क्या वे अपने किसी नेता का नाम बता सकते हैं जिसने सावरकर जैसी कठिनाई झेली हो। त्रिवेदी ने कहा, “जब सावरकर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, तब ब्रिटिश सिविल सेवक विलियम वेडरबर्न भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। वे ब्रिटिश शासकों के पैरों के नीचे बैठे थे।”
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने राव के बयान की निंदा करते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी ने फिर से सावरकर के खिलाफ बहुत ही निम्न स्तर की टिप्पणी की है। यह पूरी तरह से निंदनीय है और उनके प्रति अपमान है।”
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वीर सावरकर के पौत्र का बयान
वीर सावरकर के पौत्र रंजीत सावरकर ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह आगामी चुनावों से पहले उनके दादा को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने गौमांस खाने के दावों को भी झूठा बताया है। रंजीत ने कहा, “यह कांग्रेस की रणनीति है कि सावरकर को बार-बार बदनाम किया जाए, खासकर तब जब चुनाव आ रहे हों। पहले राहुल गांधी ऐसा कर रहे थे और अब उनके नेता बयान दे रहे हैं… कांग्रेस ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है।”
पहले भी कर चुकी है अपमान
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेताओं ने सावरकर पर विवादास्पद टिप्पणियाँ की हैं। इससे पहले, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी सावरकर को लेकर इसी तरह की टिप्पणियाँ की थीं। उन्होंने दिसंबर 2021 में कहा था कि सावरकर ने कभी गाय को ‘माता’ नहीं माना और उन्हें गोमांस खाने में कोई समस्या नहीं थी।
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