हिजबुल्लाह के मुखिया हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद ईरान इतना अधिक भड़का हुआ है। यही वजह है कि ईरान अब इस मामले को लेकर यूएनएससी चला गया है। ईरान ने UNSC की आपात बैठक का आह्वान किया है। इसके साथ ही ये भी खबर सामने आ रही है कि ईरान में ही आपसी मारमारी शुरू हो गई है कि इजरायल पर कैसे पलटवार किया जाए।
इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि इजरायल ने 27 सितंबर को नसरल्लाह को मारने के लिए 8 लड़ाकू जहाजों को भेजा था। अपने इन्हीं फाइटर जेट्स के जरिए इजरायल ने हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 2000 पाउंड के 15 बम गिराए थे। ये बम अमेरिका में बने BLU-109 बम थे, ये बस्टर बंकर बम कहे जाते हैं। इनकी खासियत ये है कि ये टार्गेट पर बने बंकरों तक को ध्वस्त करने में सक्षम है।
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अमेरिका ने दी थी हमले पहले जानकारी
वहीं इजरायली हमले को लेकर अमेरिका के रक्षा समिति पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने से चंद पलों पहले ही हमें इसके बारे में सूचित किया था। हालांकि, अमेरिका ने इस बात को भी स्वीकार किया कि जब तक इजरायल ने इस हमले की जानकारी दी, तब तक उसके फाइटर जेट्स हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी के उड़ान भर दी थी। इसके लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इजरायली डिफेंस मिनिस्टर से भी बात की थी
जबकि, इजरायल का कहना है कि उन्होंने हमला करने से कुछ समय पहले ही अमेरिका को अपने प्लान की जानकारी दे दी थी। इस बीच ये भी पता चला है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी बीते 18 वर्षों से लेबनान में डेरा डाल रखा था। उसके अंडरकवर एजेंट वहां पर रहकर हिजबुल्लाह की हर हरकतों पर नजर रख रहे थे।
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नेतन्याहू बोले-हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ
इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी कर दो टूक कहा कि हमारा काम अभी तक खत्म नहीं हुआ है। मैंने नसरल्लाह को मारने का आदेश दिया था, क्योंकि कमजोर पड़ने के बाद भी वह किसी न किसी तरह हिजबुल्लाह को दोबारा खड़ा कर सकता था।
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