रुद्रप्रयाग: सोशल मीडिया पर मुस्लिम समर्थकों द्वारा शोर शराबा करने के बाद रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारघाटी के गांवों में लगे प्रवेश संबंधी बोर्डों को बदलवा दिया है।
इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: BHEL की जमीनों पर मुस्लिम कबाड़ियों ने किए अवैध कब्जे, सरकारी जमीन पर बना दी मजारें
उल्लेखनीय है कि केदारनाथ घाटी के इन गांवों में गैर हिन्दू, मुस्लिम रोहिंग्याओं के प्रवेश को वर्जित करते हुए उन्हें चेतावनी दी गई थी कि ऐसा करने पर ग्राम सभा पांच हजार जा अर्थदंड वसूलेगी। केदारघाटी के रेल,फाटा, रविग्राम, गौरी कुंड, न्याल्सु, खड़िया, मेखंडा आदि ग्रामों के बाहर ये बोर्ड एक साथ लगे।
इन बोर्डों ने सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में खूब सुर्खियां बटोरी। ये खबर वायरल होते ही मुस्लिम पक्ष ने भी इसे ट्रोल करना शुरू कर दिया और उत्तराखंड पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया। हैरान परेशान रुद्रप्रयाग पुलिस प्रशासन ने उक्त गांवों में पहुंच कर स्थानीय लोगों से बोर्ड हटाए जाने के लिए दबाव डाला, गांव वाले माने नहीं। ये गांव वैसे भी राजस्व पुलिस यानि पटवारी क्षेत्र में आता है। पुलिस अधिकारियों ने पटवारियों को लेकर दबाव बनाया। जिसके बाद गांवों के बाहर लगे बोर्ड की शब्दावली में बदलाव किया गया।
अब बोर्ड में गैर हिन्दू,रोहिंग्या मुस्लिम के स्थान पर केवल “बाहरी लोग” लिख कर बोर्ड लगा दिए गए हैं। रवि ग्राम की प्रधान चांदनी देवी कहती है कि बर्तन, चूड़ी आदि बेचने वाले मुस्लिम यहां आकर महिलाओं पर गंदी नजर रखते है, अब जो भी ग्राम में आएगा वो प्रधान के यहां पहले मिलेगा। प्रधान ही तय करेगा कि कौन ग्राम में रहेगा या माल बेचेगा।
इसे भी पढ़ें: देहरादून के पलटन बाजार में फुटवेयर शॉप कर्मचारी मोहम्मद उमेर ने हिंदू महिला से की छेड़छाड़, हुआ गिरफ्तार
फाटा गांव के रवि बताते हैं कि मोबाइल ठीक करने, गैस चूल्हा ठीक करने के बहाने संदिग्ध लोग उधर पहाड़ों पर आ रहे है, पुलिस पटवारी इनका सत्यापन नहीं कर रहे ऐसे में हमारे गांव के लोग किसी अनहोनी का इंतजार नहीं कर सकते, जीपो में भर कर, बाइक में ये बाहरी लोग इधर किस इरादे से आ रहे हैं और माहौल खराब कर रहे हैं।
रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे का कहना है कि शिकायत मिलने पर बोर्ड हटा दिए गए हैं। कुछ लोगों को चिन्हित भी किया गया है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टिप्पणियाँ