आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बांग्लादेश जैसी गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं होता। राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हम एक रहेंगे। बंटेंगे तो कटेंगे। एक रहेंगे तो नेक रहेंगे और सुरक्षित व समृद्ध होंगे। सीएम योगी ने यह बातें आगरा में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कहीं।
आगरा में पुरानी मंडी चौराहे पर राष्ट्रवीर दुर्गादास की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचने का रास्ता सुरक्षा एवं एकता से निकलेगा। जब भगवान कृष्ण का जन्म हो रहा है, तब मुझे प्रतिमा के अनावरण का अवसर मिला है। लगता है कि राष्ट्रवीर की प्रतिमा 10 साल से मेरा इंतजार कर रही थी। मेरे ऊपर उनकी कृपा आ गई है। सीएम योगी बोले कि मुगल आक्रांताओं एवं अंग्रेजों से भयभीत होकर न जाने कितने लोगों ने उनके सामने समर्पण कर दिया था। आज हम सब हम राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी का नाम हम ले रहे हैं। राजस्थान में उनकी पूजा होती है। जोधपुर इलाके में उनके प्रति श्रृद्धा का अमिट भाव देखा जाता है। उसी श्रृद्धा के भाव को मजबूत करने वह आगरा आए हैं।
उन्होंने कहा कि मौत ऐसी होनी चाहिए, जिससे राष्ट्र का कल्याण हो। अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल से फांसी के वक्त उनकी अंतिम अभिलाषा के बारे में पूछा गया था। तब बिस्मिल जी ने कहा कि भारतवर्ष में मेरा 100 बार जन्म हो और हर बार मौत का कारण देश का उपकार कर्म हो। इतिहास का सच सभी जानते हैं। औरंगजेब दुष्ट और चालबाज था। उसका सम्बंध आगरा से भी था। इसी आगरा में हिंदवी पद बादशाही के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को चुनौती दी थी। छत्रपति ने कहा था कि तुम चूहे की तरह तड़पते रह जाओगे, हिन्दुस्तान पर तुझे कब्जा नहीं करने देंगे।
राजस्थान में महाराजा जसवंत सिंह मोर्चा संभाल रहे थे। महाराजा के महत्वपूर्ण सेनापति राष्ट्रवीर दुर्गादास जी राठौर थे। औरंगजेब ने कई बार कोशिश की लेकिन कब्जा नहीं कर पाया। क्येंकि जब सामने राष्ट्रवादी दुर्गादास जैसे वीर सामने होंगे तो कोई भी विदेशी आक्रांता कब्जा कैसे कर सकता है। दुष्ट औरंगजेब की जब एक न चली तो उसने चालाबाजी से महाराजा दशरथ सिंह से संधि कर ली और धोखे से उनकी हत्या कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि देश की आजादी के लिए 9 अगस्त 1925 को लखनऊ में रामप्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन घटना कर अंग्रेजों के सामने चुनौती पेश की थी।
उस समय इन क्रांतिकारियों को सिर्फ 4 हजार 600 रुपये मिले थे और अंग्रेजों ने उन्हें सजा दिलाने के लिए तब दस लाख रुपये खर्च कर दिए थे। इसके बाद भी आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी थी। सीएम योगी ने आगरा वासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि यहां के कण-कण में कान्हा का वास है। आगरा में कला है, विश्वास है, आस्था है, समपर्ण है। राष्ट्र प्रतिष्ठा के साथ आस्था, कला, विश्वास, संस्कृति मजबूत होनी चाहिए और आगे बढ़ती रहनी चाहिए।
टिप्पणियाँ