1966 गोरक्षा आंदोलन : संतों के रक्त से धरती हो गई थी लाल, गोभक्तों का सीना हो गया था छलनी
July 24, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

1966 गोरक्षा आंदोलन : संतों के रक्त से धरती हो गई थी लाल, गोभक्तों का सीना हो गया था छलनी

जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक के लोग गोहत्या बंद कराने के लिए कानून बनाने की मांग लेकर संसद के समक्ष जुटे थे। उन दिनों इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और गुलजारी लाल नंदा गृहमंत्री। गोहत्या रोकने के लिए इंदिरा सरकार केवल आश्वासन दे रही थी। सरकार के झूठे वायदों से उकता कर संत समाज ने संसद के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।

by WEB DESK
Jul 22, 2024, 12:06 pm IST
in भारत, दिल्ली
संसद परिसर में साधु-संतों के प्रदर्शन के दौरान चलवाई गई थी गोली

संसद परिसर में साधु-संतों के प्रदर्शन के दौरान चलवाई गई थी गोली

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वह तारीख थी 7 नवंबर और वर्ष था 1966। उस दिन गोपाष्टमी थी। गोरक्षा महाभियान समिति की देखरेख में सुबह आठ बजे से ही नई दिल्ली में संसद के बाहर लोग जुटने शुरू हो गए थे। समिति के संचालक स्वामी करपात्री जी महाराज ने चांदनी चौक स्थित आर्य समाज मंदिर से अपना सत्याग्रह आरंभ किया। उनके साथ जगन्नाथपुरी, ज्योतिष्पीठ और द्वारकापीठ के शंकराचार्य, वल्लभ संप्रदाय की सातों पीठ के पीठाधिपति और लाखों की संख्या में गोभक्त थे। संसद से लेकर चांदनी चौक तक भारी भीड़ थी।

जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक के लोग गोहत्या बंद कराने के लिए कानून बनाने की मांग लेकर संसद के समक्ष जुटे थे। उन दिनों इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और गुलजारी लाल नंदा गृहमंत्री। गोहत्या रोकने के लिए इंदिरा सरकार केवल आश्वासन दे रही थी। सरकार के झूठे वायदों से उकता कर संत समाज ने संसद के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।

ये भी पढ़ें – RSS की गतिविधियों में शामिल होंगे सरकारी कर्मचारी, 58 साल पहले जारी किया गया असंवैधानिक आदेश वापस

दोपहर एक बजे जुलूस संसद भवन पहुंच गया और संतों के भाषण शुरू हो गए। करीब तीन बजे का समय होगा, जब आर्य समाज के स्वामी रामेश्वरानंद भाषण देने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार बहरी है। यह गोहत्या को रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाएगी। इसे झकझोरना होगा।’’ इतना सुनना था कि गोभक्त हरकत में आ गए। उन्होंने संसद भवन को घेर लिया। पुलिस ने लाठी चलाना और अश्रुगैस छोड़ना शुरू कर दिया। भीड़ और आक्रामक हो गई। इतने में अंदर से गोली चलाने का आदेश हुआ और पुलिस ने भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी। संसद के सामने की पूरी सड़क खून से लाल हो गई। सैकड़ों गोभक्त मारे गए। इसके बाद सरकार ने इस घटना को दबाने की कोशिश की।

 

‘‘यह सरकार बहरी है। यह गोहत्या को रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाएगी। इसे झकझोरना होगा।’’

-स्वामी रामेश्वरानंद , आर्य समाज

शहर की टेलीफोन लाइन काट दी गई। ट्रक बुलाकर मृत, घायल, जिंदा-सभी को उसमें ठूंसा जाने लगा। पूरी दिल्ली में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। शंकराचार्य को छोड़कर लगभग 50,000 गोभक्तों को तिहाड़ जेल में डाल दिया गया। करपात्री जी महाराज ने जेल से ही सत्याग्रह शुरू कर दिया। जेल में नागा साधु भी थे। नागा साधु छत के नीचे नहीं रहते, इसलिए उन्होंने तिहाड़ जेल के आंगन में ही अपना डेरा जमा लिया। ठंड के कारण साधुओं ने लकड़ी के सामान को तोड़ कर जलाना शुरू किया।

इंदिरा गांधी ने गुलजारी लाल नंदा पर इस गोलीकांड की जिम्मेदारी डाली। उनकी जगह यशवंत राव बलवतंराव चव्हाण को गृहमंत्री बना दिया गया। पद संभालते ही चव्हाण तिहाड़ जेल गए और उन्होंने नागा साधुओं को आश्वासन दिया कि उनके अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था की जा रही है। जब लकड़ी से भरे ट्रक जेल के अंदर पहुंचे, तब साधु शांत हुए। लगभग एक महीने बाद लोगों को जेल से छोड़ा गया।

ये भी पढ़ें – नेहरू ने दी इस्तीफे की धमकी, वादे से मुकरीं इंदिरा गांधी, संसद परिसर में निर्दोष गोभक्तों पर चलवाई गोलियां

जेल से निकल कर भी करपात्री जी सत्याग्रह करते रहे। पुरी के शंकराचार्य और प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी का आमरण-अनशन कई महीने चला। बाद में सरकार ने इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए छल का सहारा लिया। चव्हाण ने करपात्री जी से भेंट की और उन्हें भरोसा दिलाया कि अगले संसद सत्र में गोहत्या बंदी कानून बनाने के लिए अध्यादेश लाया जाएगा और इसे कानून बना दिया जाएगा। लेकिन देश का दुर्भाग्य कि आज भी गोहत्या बंदी कानून को अखिल भारतीय स्वरूप नहीं मिला है।

Topics: गोभक्तों पर गोलीसंसद परिसर में फायरिंगसंतों पर गोली चलवाईcentral government employeesRSSपाञ्चजन्य विशेषगोरक्षा आंदोलन
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

इस वर्ष 4-15 मई तक बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया गया

खेलो भारत नीति 2025 : खेल बनेंगे विकास के इंजन

देश में नौकरशाही की आन्तरिक निरंकुशता शासन पर भारी ‘साहब’

स्थापना दिवस : भारतीय मजदूर संघ, राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक प्रमुख संगठन

व्हेल और डॉल्फिन : महासागर के महारथियों का अद्भुत संसार

निर्माण कार्य नें लगे लोगों और पुलिस पर पथराव करती मुस्लिम महिलाएं

जैसलमेर के बासनपी गांव में वीरों की छतरियों का पुनर्निर्माण कर रहे लोगों पर उन्मादी मुसलमानों का हमला

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक जयंती पर विशेष : स्वराज के संघर्ष ने बनाया ‘लोकमान्य’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Punjab Khalistan police

पंजाब में अवैध हथियार तस्करी: अमृतसर पुलिस की कार्रवाई और पाकिस्तान-फ्रांस कनेक्शन

इस वर्ष 4-15 मई तक बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया गया

खेलो भारत नीति 2025 : खेल बनेंगे विकास के इंजन

Supreme Court

मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी की मध्यस्थता से वाराणसी में मंदिर-गुरुद्वारा विवाद का अंत

मुस्लिमों के कारण असम की बदलती डेमोग्राफी: CM सरमा बोले-ऐसा ही रहा तो 2041 तक हिन्दू-मुस्लिम हो जाएंगे बराबर

Uttarakhand Gram Panchayat poll

देहरादून: ग्राम पंचायत चुनाव में लौटी गांवों की रौनक, पहले चरण का मतदान आज

हिमाचल में फिर बिगड़ेगा मौसम, 27 से 29 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी, भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें बंद

Love Jihad Islamic conversion Sehore

बरेली में लव जिहाद: बख्तावर ने राजवीर बनकर हिंदू लड़की को फंसाया, इस्लामिक कन्वर्जन के बाद देह व्यापार में धकेला

Mohd Nasheed PM Modi

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने की भारत की तारीफ, कहा- बिना मदद अर्थव्यवस्था हो जाती बर्बाद

प्रतीकात्मक तस्वीर

लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद की नई साजिश, पाकिस्तान से कश्मीरी युवाओं को जिहाद के लिए ऐसे बना रहे शिकार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies