छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 10 जून को हंगामा हुआ। भीड़ ने कलक्ट्रेट को घेर लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। घटना का अवलोकन करें तो यह पूर्व नियोजित समझ में आती है। सतनामी समाज का आक्रोश केवल जैतखाम तोड़े जाने को लेकर नहीं था। वास्तव में, कुछ दिनों पहले बलौदाबाजार जिले के सुहेला ब्लॉक के कुछ गांवों में मंदिरों में स्थापित मूर्तियों को तोड़े जाने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से सभी सतनामी समाज से सम्बन्ध रखते हैं।
इस आंदोलन में सतनामी समाज के लोग शामिल थे, लेकिन इसको भड़काने और कलेक्ट्रेट में आग लगाने के पीछे वामपंथियों के साथ मिलकर काम करने वाला संगठन भीम आर्मी प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। साथ ही, कांग्रेस के नेताओं ने भी शुरू से ही इस विवाद में रुचि दिखाते हुए इसे बढ़ाने का प्रयास किया। बलौदाबाजार तथा इससे लगे जांजगीर-चांपा जिले में अनुसूचित जाति के बीच बहुत से संगठन वर्षों से काम कर रहे हैं। इसके अलावा क्षेत्र में अनुसूचित जाति के बीच ईसाई मिशनरियों के द्वारा भी लगातार काम किया जा रहा है। इस विवाद में ईसाई मिशनरियों, भीम आर्मी से जुड़े संगठनों तथा कांग्रेस ने संयुक्त रूप से मिलकर सतनामी समुदाय को भड़काने का काम किया है।
गिरौदपुरी के समीपस्थ गांव मानाकोनी में जैतखाम तोड़े जाने की घटना को लेकर सोमवार, 10 जून 2024 को सतनामी समाज द्वारा बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन तथा कलेक्ट्रेट घेराव का आह्वान किया गया, जिसमें लगभग 3 से 4 हजार लोग सम्मिलित हुए। कलेक्ट्रेट घेराव के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आग लगा दी। वहां खड़े वाहनों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक सम्पत्तियों की तोड-फोड़ भी की, जिसमें लगभग 30 से अधिक कारों और उतनी ही संख्या में दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचा। यहां तक कि दमकल की गाड़ी को भी इन प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस का भी समर्थन मिला था। इसमें भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव तथा बिलाईगढ़ से कांग्रेस विधायक कविता प्राण लहरे भी शामिल हुए थे। इनमें से कविता प्राण लहरे ईसाई हैं।
सतनामी समाज की आस्था के प्रमुख केन्द्र गिरौदपुरी धाम से लगे हुए मानाकोनी गांव के निकट गुरु घासीदास जी के ज्येष्ठ पुत्र गुरु अमरदास जी के नाम से अमर गुफा स्थित है। यहां गुरुगद्दी व जैतखाम दोनों स्थापित हैं। प्रतिदिन पुजारी सुबह-शाम पूजा भी करते हैं। यह स्थान सतनाम पंथ के प्रमुख आस्था केंद्र गिरौधपुरी से महज 5 किलोमीटर की ही दूरी पर है ।
गत 15 मई की रात को कुछ असामाजिक तत्वों ने यहां (मानाकोनी में) तीनों जैतखामों को गिरा दिया। इसी के बाद से यह विवाद उठा। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो मूलत: दूसरे राज्य के रहने वाले हैं। ये लोग मानाकोनी गांव के एक ठेकेदार के अंतर्गत पानी टंकी निर्माण कार्य के लिए आए थे। ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण होने के बाद भी उनका भुगतान नहीं होने पर वे ठेकेदार से नाराज थे। इन गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि रात को शराब के नशे में उन्होंने पवित्र जैतखाम को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन सतनामी समाज के लोगों का मानना है कि इस घृणित कार्य में अन्य लोगों का हाथ है, जिन्हें अबतक नहीं पकड़ा गया है।
आंदोलन में शामिल संगठन : सतनामी युवा एकता छत्तीसगढ़, मिनीमाता नारी शक्ति, भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ, भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़, भीम आर्मी छत्तीसगढ़, भीम आर्मी भारत एकता मिशन छत्तीसगढ़, सतनामी समाज छत्तीसगढ, अखिल भारतीय छत्तीसगढ़ सतनाम सेना।
आंदोलन से जुड़े कुछ प्रमुख नाम : किशोर नवरंगे – संस्थापक (भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़), रेखराम सोनवानी – प्रदेश महासचिव (भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़), सुरेंद्र रत्नाकर – प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ (भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़), दिनेश चतुर्वेदी – प्रदेश अध्यक्ष (भीम रेजिमेंट), उमेश सोनवानी – सह संस्थापक (भीम रेजिमेंट), संजीत बर्मन ल्ल
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