समाज में फूट, कांग्रेस की वोट-लूट
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

समाज में फूट, कांग्रेस की वोट-लूट

राजस्थान में कांग्रेस जाति को हवा देकर कई सीटों पर चुनावी माहौल को प्रभावित करने में बहुत हद तक सफल रही। संभवत: इस कारण भाजपा इस प्रदेश में 2014 और 2019 जैसा प्रदर्शन नहीं कर सकी

by डॉ. ईश्वर बैरागी
Jun 14, 2024, 09:17 am IST
in विश्लेषण, राजस्थान
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले रहे। एक दशक से राजस्थान भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित राज्य माना जाता रहा था। भाजपा छह माह पहले हुए विधानसभा चुनाव जीतकर प्रदेश में सत्तासीन हुई। फिर क्या कारण रहे कि भाजपा 25 सीटों से 14 पर आ गई? भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पूर्वी राजस्थान और शेखावाटी अंचल में हुआ है। भाजपा ने 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें जीती थीं। इस बार कांग्रेस ने जनता को जातियों के गणित में उलझा दिया।

कांग्रेस ने पूर्वी राजस्थान की पांच सीटों में से चार- भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर और करौली-धौलपुर अपने कब्जे में कर लीं। केवल एक अलवर सीट भाजपा के खाते में गई। वहीं शेखावाटी की तीनों सीटें- सीकर, झुंझनूं और चूरु कांग्रेस ने जीतीं। 2019 के मुकाबले इस बार भाजपा को 9.83 प्रतिशत मत कम मिले, वहीं कांग्रेस को 3.67 प्रतिशत ज्यादा। इस मामूली मत अंतर से ही कांग्रेस की सीटें शून्य से 8 पर पहुंच गईं। इंडी गठबंधन को राज्य में कुल 11 सीटें मिली हैं।

इंडी गठबंधन ने आरक्षण समाप्त करने और संविधान में बदलाव करने का शिगूफा छोड़कर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं को अपने पक्ष में लामबंद किया। नतीजा यह रहा कि अनुसूचित जाति की आरक्षित 4 में 3 और अनुसूचित जनजाति की 3 में 2 सीटें इंडी गठबंधन के खाते में चली गईं। कांग्रेस ने साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाते हुए माकपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और भारतीय आदिवासी पार्टी से गठबंधन किया और इनके लिए सीकर, नागौर व बांसवाड़ा सीट छोड़ी। इन सीटों पर कांग्रेस के सभी सहयोगी दल जीतने में सफल रहे। भाजपा को महज 14, कांग्रेस को 8, बीएपी, आरएलपी व माकपा को 1-1 सीट पर जीत मिली।

रोचक आंकड़ा
2019 में भाजपा को 59.07 प्रतिशत, कांग्रेस को 34.24 प्रतिशत मत मिले थे। इस बार भाजपा को 49.24 प्रतिशत यानी 9.83 फीसदी कम मत मिले, इससे 10 सीटों का घाटा हुआ। कांग्रेस का मत प्रतिशत 3.67 प्रतिशत से बढ़कर 37.91 प्रतिशत हो गया।

वैसे, राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद उसके कार्यकर्ता उत्साहित थे। वे मानकर चल रहे थे कि इस बार भाजपा 400 पार कर जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दिनेश गोरसिया कहते हैं, ‘‘कांग्रेस ने योजनाबद्ध तरीके से चुनाव को जातिवाद का रंग दिया और इसका नुकसान भाजपा को हुआ।’’

कांग्रेस ने जातिगत ध्रुवीकरण का सीधा और भरपूर फायदा उठाया। दौसा, चूरू, बाड़मेर, सीकर, भरतपुर, दौसा-सवाई माधोपुर जैसी सीटों पर मतदाता जातियों में बंट गए। कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को भी हवा देते हुए चुनाव को जातिवाद के रंग में रंग दिया। भाजपा ने एक मार्च को लोकसभा की पहली सूची जारी की थी। इसके साथ ही राजस्थान में राजपूत-जाट विवाद शुरू हो गया था। इसके बाद अलग-अलग इलाकों में पूरा चुनाव जाति केंद्रित हो गया।

कांग्रेस ने हिंदू समाज को बांटने के लिए वह सब किया, जो वह वर्षों से करती रही है। इस कारण लोग उसके प्रभाव में आ गए और यह भी भूल गए कि उदयपुर में कन्हैयालाल का गला काटने वालों को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस तरह बचाने का प्रयास किया था। कांग्रेसी दुष्प्रचार ने जाति में बंटे हिंदुओं को इस तरह भ्रमित किया कि वे कांग्रेस के सभी पापों को भुलाकर भाजपा के विरुद्ध मतदान कर बैठे। यह भारत और भारतीयता के लिए ठीक संकेत नहीं है।

Topics: हिंदू समाजend of reservationHindu Samajchange in constitutionइंडी गठबंधनपाञ्चजन्य विशेषराष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टीभारतीय आदिवासी पार्टीआरक्षण समाप्तसंविधान में बदलावRashtriya Loktantra PartyIndian Tribal PartyIndy Alliance
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Tarrif War and restrictive globlization

प्रतिबंधात्मक वैश्वीकरण, एक वास्तविकता

न्यूयार्क के मेयर पद के इस्लामवादी उम्मीदवार जोहरान ममदानी

मजहबी ममदानी

फोटो साभार: लाइव हिन्दुस्तान

क्या है IMO? जिससे दिल्ली में पकड़े गए बांग्लादेशी अपने लोगों से करते थे सम्पर्क

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies