जम्मू कश्मीर अपनी खूबसूरती को लेकर प्रसिद्ध है और इसी कारण यहां पर्यटकों की आवक लगी रहती है। इसी क्रम में श्रीनगर की डल झील में पर्यटक आते हैं। लेकिन, डल झील के एक वीडियो ने इस्लामिक कट्टरपंथियों की नींदों को हराम कर दिया है। दरअसल, एक वीडियो सामने आया, जिसमें डल झील पर शिकारे के दौरान कुछ पर्यटक शराब पी रहे थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद इस्लामवादियों ने गैर इस्लामिक करार दिया है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि डल झील के शिकारे पर बैठकर पर्यटकों द्वारा शराब पीने की घटना पर वहां के राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने इसकी आलोचना की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता का कहना है कि तनवीर सादिक का कहना है कि ‘कश्मीर बदल रहा है’ की आड़ में सरकार को ये याद रखना चाहिए, इस तरह की हरकतों को यहां पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। सड़कों पर नाचना या सार्वजनिक तौर पर यहां शराब पीना ही आधुनिक समाज का अर्थ नहीं हो सकता है।
इसे भी पढे़ं: मिलिए, सना रामचंद गुलवानी से जो पाकिस्तान की पहली हिन्दू महिला कमिश्नर बनीं, PAS पहले ही प्रयास में पास किया
तनवीर सादिक ने कहा कि पर्यटन की आड़ में ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को इस पर रोक लगाने के लिए कानूनों को सख्ती से लागू करना पड़ेगा। हम मेहमाननवाज लोग हैं औऱ पर्यटकों का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह के अनैतिक औऱ गैर इस्लामिक हरकतें हमें मंजूर नहीं हैं।
इसी तरह से गुलाम नबी आजाद की पार्टी डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए शिकारे पर बैठकर शराब गटकने की घटना को अस्वीकार्य करार दिया है। निजामी के मुताबिक, ये सूफीवाद की धरती है। वहीं मुत्तहिदा मजलिस ए उलेमा, घाटी के सभी इस्लामी और शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख कथित तौर पर शामिल हैं। इसका नेतृत्व अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक करता है। उमर फारुक ने एक तरह से धमकी देते हुए कहा कि ये घाटी मुस्लिम बहुल है, संतों और सूफियों की भूमि है ये। यहाँ पर गैर इस्लामिक प्रथाओं को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
(नोट: पाञ्चजन्य किसी भी रूप में शराब को प्रोत्साहित नहीं करता है।)
टिप्पणियाँ