कंगाल पाकिस्तान चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ एक बार फिर से चालें चलने की कोशिशों में लगा हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ चीन के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) पर नए निर्माण करने जा रहा है। शहबाज शरीफ का कहना है कि चीन और पाकिस्तान क्षेत्रीय संपर्क, एकीकरण और साझा समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के उन्नत संस्करण को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।
शहबाज शरीफ ने चीन के सरकारी भोंपू कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख में कहा कि सीपीईसी के जरिए चुनौतीपूर्ण वक्त में चीन ने पाकिस्तान को एक मजबूत समर्थन दिया हैं, जिसके लिए हम राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आभारी हैं। अब इस गलियारे का उन्नत वर्जन और भी उज्जवल भविष्य का वादा करता है।
सीपीईसी के उन्नत संस्करण के तहत 60 से अधिक परियोजनाएं शुरू करने की तैयारी पाकिस्तान कर रहा है। पाकिस्तान का दावा है कि इससे वो क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, रोजगार और स्थिरता लाएगा। शहबाज शरीफ का कहना है कि वो पाकिस्तान में चीन के सफल विकास मॉडल को दोहराना चाहता है।
सीपीईसी से विकास की बात मूर्खता से अधिक कुछ नहीं
पाकिस्तान जिस सीपीईसी कॉरिडोर के जरिए कथित विकास की बात कर रहा है, उसी की आड़ में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के स्थानीय लोगों पर वो लगातार अत्याचार कर रहा है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये सामने आ चुका है कि पाकिस्तानी सेना पीओके के लोगों पर केमिकल टेस्टिंग करती थी। यहीं नहीं सीपीईसी की आड़ में पीओके में घुसकर चीनी सैनिक भी लगातार स्थानीय लोगों पर जुल्म ढा रहे हैं। वो उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रहे हैं। हाल ही में पीओके में पाकिस्तानी सरकार के इस कथित विकास के खिलाफ लोगों ने जमकर प्रदर्शन भी किए हैं।
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जान ले पाकिस्तान-POK भारत का है
गौरतलब है कि पाकिस्तान POK में सीपीईसी कॉरिडोर का निर्माण चीन के साथ मिलकर कर रहा है। इसके पीछे स्पष्ट चीनी रणनीति है कि वो वहां की जमीनों पर कब्जा करना चाहता है। चीन को ये अच्छे से पता है कि कंगाल पाकिस्तान उसका कर्ज कभी नहीं चुका पाएगा। CPEC कॉरिडोर चीन के बेल्ट एंड रोड परियोजना का हिस्सा है। इस परियोजना के जरिए वो दूसरे देशों को कर्ज के जंजाल में फंसाकर उनकी जमीनों पर कब्जा करना चाहता है। चीन पाकिस्तान में ऐसा कर भी रहा है।
लेकिन, पाकिस्तान को ये समझना पड़ेगा कि पीओके भारत का था, है और रहेगा। पाकिस्तान उस पर अवैध कब्जा किए बैठा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि जल्द ही भारत पीओके को अपने कब्जे में लेगा।
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