नई दिल्ली । दिल्ली में 1 जून को होने वाली विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलांयस’ (इंडी) की महत्वपूर्ण बैठक से तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली है। इस बैठक में घटक दलों के नेता लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन का आकलन करने के साथ-साथ चुनाव परिणाम से पहले अपनी रणनीति बनाने पर चर्चा करेंगे।
बता दें कि 1 जून को ही लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान होना है और मतगणना चार जून को होगी। जिसके चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मतदान और मतगणना की व्यवस्था के मद्देनजर दिल्ली में होने वाली बैठक में शिरकत नहीं करेंगी।
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी इस बैठक का हिस्सा नहीं बन पाएगी, क्योंकि बैठक वाले दिन पश्चिम बंगाल में नौ सीट पर मतदान होगा। राज्य में उस दिन यादवपुर, दमदम, बारासात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर और डायमंड हार्बर निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होना है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और अन्य शीर्ष नेता उस दिन मतदान करेंगे और इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
इंडी गठबंधन बनने के बाद इसमें कुल 28 दल जुड़े थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाली राष्ट्रीय लोक दल जैसी कुछ पार्टियां राजग में शामिल हो गईं।
इंडी गठबंधन की पहली बैठक पिछले साल 23 जून को पटना में हुई थी, उसके बाद 17-18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में और फिर 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच मुंबई में हुई। विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई।
इसके बाद अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में 31 मार्च को दिल्ली में आयोजित लोकतंत्र बचाओ रैली में विपक्षी नेता शामिल हुए थे। तृणमूल कांग्रेस इन सभी बैठकों और जनसभाओं का हिस्सा रही है।
बताते चले कि लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में तृणमूल कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि चुनाव के बाद गठबंधन का समर्थन करेंगी।
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