आपने सीएम हाउस को गटर हाउस कहा है। स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना के बारे में आपके पास क्या जानकारी है?
जहां पर किसी महिला को बुलाकर पीटा जाता हो, उसे और क्या कहेंगे? यह घटना एक षड्यंत्र के तहत हुई है। यह कोई छोटी-मोटी घटना नहीं है। शायद पहली बार किसी सांसद को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर मारा गया हो। स्वाति की जान को खतरा है, उनकी सुरक्षा का इंतजाम होना चाहिए। मेरी जानकारी के अनुसार उनको वहां पर बुलाया गया था। ऐसा उनको नीचा दिखाने के लिए भी किया गया हो। स्वाति मेरे साथ 10 वर्ष रही हैं। मेरा अनुभव है कि वह डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने लाखों महिलाओं की मदद की है। उनको सामने आकर अपनी बात कहनी चाहिए।
इस मामले में अरविंद केजरीवाल चुप क्यों हैं?
अंदर ही अंदर कुछ कांड कर रखा होगा तो बोलेंगे कैसे? उनको लगता होगा कि मैं तो मुख्यमंत्री हूं, मेरा कौन क्या बिगाड़ लेगा। यह मेरी पूर्व पत्नी का मामला नहीं है, बल्कि सभी महिलाओं का है। आम आदमी पार्टी में रीढ़हीन लोग हैं, लेकिन अपने आपको ‘क्रांतिकारी’ नेता कहते हैं। ये सभी के सभी गुलाम हैं। इन सभी का अपना अपना एक एजेंडा है। मुझे लगता है कि राजनीति से ऊपर भी कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनमें लोगों को साथ देना चाहिए। इसलिए लोगों को स्वाति के मामले पर चुप नहीं रहना चाहिए।
सांसद संजय सिंह का कहना है कि इस मामले में मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे। केजरीवाल स्वाति को अपनी बहन की तरह मानते हैं। इसके बावजूद आरोपी के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसमें आप क्या कहेंगे?
पहली बात तो यह है कि संजय सिंह केजरीवाल का तोता है। इससे ज्यादा संजय सिंह कुछ नहीं हैं। दूसरी बात यह है कि यदि कोई किसी को बहन मानेगा और उसके साथ इस तरह की घटना होगी तो वह प्रेस कॉफ्रेंस करने से पहले थाने में जाकर मामला दर्ज करवाएगा। ये सब मिलीभगत है। ये नकली बहन-भाई के रिश्ते होते हैं। ये सब बेवकूफ बनाने वाली बातें हैं। इन लोगों को पहले से पता था और आगे क्या होगा, वह भी तय हो चुका है। प्रेस कॉफ्रेंस में सिर्फ लीपापोती हुई है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है।
सुनने में आ रहा है कि स्वाति मालीवाल से राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने के लिए कहा जा रहा था, क्योंकि अभिषेक मनु सिंघवी, जो केजरीवाल का मामला देख रहे हैं, को राज्यसभा भेजा जा सके। इस पर आप कुछ जानकारी देंगे?
मैं अब किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं हूं। मुझे इतना ही कहना है कि भले ही आप किसी भी पार्टी के हों, पर यदि थोड़ा-बहुत रीढ़ रखते हैं, तो ऐसे मामलों में खुलकर बोलना चाहिए। राज्यसभा की सदस्यता किसको मिलती है इससे मेरा कुछ भी लेना-देना नहीं है। लेकिन इस तरह से मारपीट करना बहुत ही खतरनाक है। इसलिए मैं बोल रहा हूं। यदि मेरा व्यक्तिगत मामला होता तो अब तक सारी कार्रवाई हो गई होती और साजिश करने वालों को सबक सिखा दिया होता। मैं उनको (स्वाति) हर तरह की मदद करने के लिए तैयार हूं परंतु अगर कोई खुद खड़ा नहीं होगा तो उसमें दूसरा क्या कर सकता है।
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