गत अप्रैल को पुणे में मासिक हिंदी पत्रिका ‘विवेक’ द्वारा प्रकाशित ‘तीर्थंकर भगवान महावीर’ विशेषांक का विमोचन हुआ। विमोचन किया जैन तपस्वी उपाध्याय प. पू. प्रवीण ऋषि जी महाराज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने।
मंच पर हिंदुस्थान प्रकाशन संस्थान के अध्यक्ष पद्मश्री रमेश पतंगे, ‘विवेक’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल पेडणेकर, कार्यकारी संपादक पल्लवी अनवेकर आदि उपस्थित थे।
उपाध्याय प. पू. प्रवीण ऋषि जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि दुनिया में अनेक देश सत्ता और शस्त्र से विजयी होना चाहते हैं, लेकिन भगवान महावीर ने केवल संयम, सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकान्तवाद आदि सिद्धांत रूपी शास्त्र से सभी को जीत लिया। श्री सुनील आंबेकर ने कहा कि हजारों वर्ष पहले महावीर जी ने जो मार्गदर्शन दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
वर्तमान समय की सभी समस्याओं का समाधान उनके बताए सिद्धांतों का पालन कर किया जा सकता है। पद्मश्री रमेश पतंगे ने कहा कि वेद काल से लेकर आज तक भारत धर्म भूमि के रूप में विख्यात है। इसे धर्म भूमि के रूप में बनाए रखने के लिए जिन संत, महात्मा, महापुरुषों ने अपना योगदान दिया, उनमें भगवान महावीर अग्रणी रहे हैं।
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